युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद ने लास वेगास में चल रहे फ्री स्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम में शानदार प्रदर्शन करते हुए सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। प्रगनानंद ने बुधवार को खेले गए राउंड 4 के मुकाबले में वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन को मात देकर बड़ा उलटफेर कर दिया।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रग्नानंधा (R Praggnanandhaa) ने एक बार फिर दुनिया को चौंकाते हुए विश्व के नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) को करारी शिकस्त दी है। अमेरिका के लास वेगास में चल रहे फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम (Freestyle Chess Grand Slam) टूर्नामेंट में प्रग्नानंधा ने महज 39 चालों में नॉर्वे के दिग्गज को हरा दिया।
इस मुकाबले के बाद न सिर्फ प्रग्नानंधा ने अपने करियर में एक और बड़ी उपलब्धि जोड़ी है, बल्कि उन्होंने यह भी साबित कर दिया है कि वे आने वाले समय में विश्व चैंपियन बनने के प्रबल दावेदार हैं।
प्रग्नानंधा ने दिखाया क्लास, 93.9% एक्यूरेसी के साथ किया क्लीन स्वीप
इस मुकाबले में प्रग्नानंधा ने सफेद मोहरों से खेलते हुए शुरुआत से ही नियंत्रण बनाए रखा। मुकाबला 10 मिनट + 10 सेकेंड की रैपिड फॉर्मेट में खेला गया। उनका खेल इतना सटीक था कि उनकी एक्यूरेसी 93.9% रही, जबकि कार्लसन की महज 84.9%। प्रग्नानंधा ने इस जीत के साथ न केवल कार्लसन को एक बार फिर हराया, बल्कि क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज तीनों फॉर्मेट में उन्हें हराने वाले बेहद कम खिलाड़ियों की लिस्ट में अपना नाम और मजबूत किया।
मैच के बाद प्रग्नानंधा ने कहा कि उन्हें अब क्लासिकल से ज्यादा फ्री-स्टाइल चेस पसंद है। उन्होंने ये भी बताया कि इस टूर्नामेंट में कार्लसन के खिलाफ जीत उनके लिए खास है क्योंकि इस टूर्नामेंट के सह-संस्थापक खुद कार्लसन ही हैं। यह फ्री-स्टाइल चेस टूर्नामेंट चेस960 प्रारूप पर आधारित है, जिसमें ओपनिंग थ्योरी के बजाय खिलाड़ी की कच्ची समझ और रणनीति ज्यादा मायने रखती है।
मैग्नस कार्लसन टूर्नामेंट से बाहर, लगातार हार ने किया परेशान
हालांकि मैग्नस कार्लसन ने इस टूर्नामेंट की शुरुआत धमाकेदार की थी। उन्होंने शुरुआती राउंड में विन्सेंट कीमर और लेवोन अरोनियन को हराकर सबको अपनी फॉर्म का अहसास कराया। लेकिन इसके बाद उनका प्रदर्शन गिरता चला गया।
- राउंड 3: सिंडारोव से ड्रॉ
- राउंड 4: प्रग्नानंधा से हार
- राउंड 5: अमेरिका के वेस्ली सो से हार
- राउंड 6: अब्दुसत्तारोव से ड्रॉ
कार्लसन ने अपने अंतिम ग्रुप स्टेज मुकाबले में कजाखस्तान की बिबीसारा असाउबायेवा को हराया लेकिन वो सफेद ग्रुप से नॉकआउट के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके। प्लेऑफ में भी कार्लसन दोनों मुकाबले हार गए और टूर्नामेंट से बाहर हो गए। वे पांचवें स्थान पर रहे।
भारतीय ग्रैंडमास्टर्स का मिला-जुला प्रदर्शन
प्रग्नानंधा टॉप पर, अर्जुन एरिगासी ने भी दिखाया दम प्रग्नानंधा ने सफेद ग्रुप में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 4.5 अंकों के साथ ग्रुप स्टेज में पहला स्थान हासिल किया। उन्होंने सिंडारोव और अब्दुसत्तारोव के खिलाफ मुकाबला ड्रॉ खेला लेकिन बाकी सभी मैचों में बाजी अपने नाम की। वहीं भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगासी ब्लैक ग्रुप से नॉकआउट के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं। अर्जुन इस ग्रुप में हिकारू नाकामुरा और हंस नीमन के बाद तीसरे स्थान पर रहे। वहीं, विदित गुजराती इस टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं।
प्रग्नानंधा की ये जीत सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि भारतीय शतरंज के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस जीत के साथ उन्होंने दुनिया को फिर दिखा दिया कि भारत का युवा टैलेंट शतरंज के हर फॉर्मेट में महारथ रखता है। भारत के पास अब प्रग्नानंधा, अर्जुन एरिगासी, विदित गुजराती और डी गुकेश जैसे कई मजबूत युवा खिलाड़ी हैं, जो आने वाले सालों में भारतीय शतरंज को वैश्विक स्तर पर बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं।