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राजस्थान में काले धन की बड़ी सफाई: ED की छापेमारी में 2700 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश

राजस्थान में काले धन की बड़ी सफाई: ED की छापेमारी में 2700 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश

राजस्थान में आर्थिक अपराध शाखा (प्रवर्तन निदेशालय - ED) ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लेते हुए मनी-लॉन्ड्रिंग के एक बहुचर्चित मामले में 2700 करोड़ रुपए के हेरफेर का खुलासा किया है। कार्रवाई मंगलवार सुबह से शुरू होकर देर रात तक चली, जिसमें जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और भीलवाड़ा सहित राज्य के चार प्रमुख शहरों के कई ठिकानों पर रेड की गई। इसके अलावा, गुजरात और दिल्ली में भी 24 ठिकानों पर समांतर कार्रवाई हुई।

ED सूत्रों के मुताबिक यह मामला शेल कंपनियों, हवाला नेटवर्क और बेनामी संपत्तियों के जरिये किए गए अवैध पैसों के लेन-देन से जुड़ा हुआ है। कार्रवाई के दौरान कई दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और डिजिटल डेटा जब्त किया गया है, जिससे और भी खुलासे होने की संभावना है।

छापे की शुरुआत और कार्रवाई का दायरा

सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय को पिछले कुछ महीनों से एक सिंडिकेट पर नजर थी, जो फर्जी कंपनियों के माध्यम से भारी मात्रा में काले धन को सफेद करने का काम कर रहा था। गुप्त जांच और इनपुट मिलने के बाद मंगलवार सुबह करीब 6 बजे ईडी की टीमें अलग-अलग शहरों में एक साथ सक्रिय हुईं।

  • जयपुर: मालवीय नगर, सिविल लाइंस और टोंक रोड पर स्थित कई कारोबारी और रियल एस्टेट फर्मों के ऑफिस सील किए गए।
  • जोधपुर: एमएनआईटी क्षेत्र और पाल रोड पर दो ब्रोकर हाउस तथा एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की फर्म पर छापा मारा गया।
  • उदयपुर: खनन और होटल व्यवसाय से जुड़े कुछ ठिकानों की तलाशी ली गई।
  • भीलवाड़ा: टेक्सटाइल कारोबार से जुड़े बड़े व्यापारी के घर और फैक्ट्री पर एक साथ कार्रवाई हुई।

हवाला, क्रिप्टो और फर्जी बिलिंग का इस्तेमाल

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मनी-लॉन्ड्रिंग नेटवर्क बेहद पेशेवर ढंग से काम कर रहा था। हवाला चैनलों के ज़रिये पैसे देश से बाहर भेजे गए। कुछ मामलों में क्रिप्टोकरेंसी के ज़रिये भी लेनदेन का शक है। कारोबारी लेन-देन को छुपाने के लिए बड़ी मात्रा में फर्जी बिलिंग और जीएसटी चालानों का इस्तेमाल किया गया। शेल कंपनियां दिल्ली और गुजरात में रजिस्टर्ड थीं, लेकिन इनका संचालन राजस्थान से हो रहा था।

24 ठिकानों पर चली एक साथ रेड

गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा शहरों में ईडी की टीमें सक्रिय रहीं, जहां हवाला एजेंट्स, ज्वेलरी व्यापारी और क्रिप्टो से जुड़े दो विशेषज्ञों के यहां कार्रवाई की गई। दिल्ली में साउथ एक्सटेंशन और करोल बाग इलाकों में दो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के ऑफिस में तलाशी ली गई। कुल मिलाकर 24 ठिकानों पर कार्रवाई हुई, जिसमें दस्तावेजों के साथ-साथ लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव, और बैंकिंग पासबुक जब्त की गई हैं।

राजनीतिक हलकों में हलचल

ईडी की इस कार्रवाई ने राजस्थान की राजनीति में भी हलचल पैदा कर दी है। कुछ कारोबारियों के राजनीतिक कनेक्शन की भी जांच की जा रही है, जिससे आने वाले समय में बड़ा बवाल मच सकता है। विपक्षी दलों ने कार्रवाई का समर्थन किया है, जबकि कुछ स्थानीय नेताओं ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।ईडी अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि यह जांच अभी शुरुआती चरण में है। 

जब्त दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों की फोरेंसिक जांच के बाद पूछताछ का सिलसिला शुरू होगा। इस मनी-लॉन्ड्रिंग सिंडिकेट से जुड़े और नाम जल्द सामने आ सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई न केवल राजस्थान बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अपराधों के खिलाफ कड़ा संदेश मानी जा रही है।

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