राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलौद गांव में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। एक सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत उस वक्त अचानक ढह गई, जब बच्चे सुबह की प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए स्कूल परिसर में एकत्र हो रहे थे। इमारत के मलबे में दबने से अब तक 7 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 28 अन्य छात्र घायल हुए हैं। घायलों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हादसे के तुरंत बाद प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। मौके पर एंबुलेंस और बचाव दल तैनात किए गए और घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इस हादसे ने न केवल प्रशासन की लापरवाही उजागर की, बल्कि स्कूल भवनों की जर्जर स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वसुंधरा राजे ने ठहराया शिक्षा विभाग को जिम्मेदार
घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह के साथ अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने घायल बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। वसुंधरा राजे ने हादसे के लिए सीधे तौर पर शिक्षा विभाग को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, “अगर समय रहते विभाग ने स्कूल भवन की हालत को गंभीरता से लिया होता और बच्चों को किसी सुरक्षित जगह स्थानांतरित किया गया होता, तो इस त्रासदी को रोका जा सकता था।” उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि प्रदेशभर के सभी सरकारी स्कूलों का तत्काल सर्वे कराया जाए और जहां भी जर्जर इमारतें हों, वहां बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। उन्होंने इस घटना को अत्यंत दुखद बताया और कहा कि ऐसे मामलों में राजनीति से ऊपर उठकर मानवीय संवेदना दिखाई जानी चाहिए।
विरोध-प्रदर्शन और पथराव से बिगड़े हालात
हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों और मृतकों के परिजनों ने गुराड़ी सर्कल और एसआरजी अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दी। इस दौरान कांग्रेस नेता नरेश मीणा भी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन में शामिल हुए, जिन्हें पुलिस ने बाद में हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शन के दौरान कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। हालात को काबू में लाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। फिलहाल 20 बच्चे विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं — 12 का इलाज झालावाड़ और 8 का मनोहर थाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।
सरकार ने दिए मदद के संकेत
राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी मौके पर पहुंचे और घायलों का हालचाल लिया। उन्होंने परिजनों को हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि मृतक बच्चों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी और घायलों के इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
झालावाड़ के एसपी अमित कुमार बुडानिया ने बताया कि मृतकों के शव 26 जुलाई को परिजनों को सौंपे जाएंगे। साथ ही, प्रशासन की ओर से हादसे की जांच शुरू कर दी गई है और स्कूल भवनों की सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जा रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।