Columbus

राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पर हंगामा, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पर हंगामा, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल पर जोरदार हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार इसे गलत मंशा से ला रही है, जबकि सरकार इसे मंगलवार को हर हाल में पास कराने के लिए पूरी तरह तैयार दिखी। विपक्ष ने सदन और सड़क दोनों जगह सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार (9 सितंबर) को धर्मांतरण विरोधी बिल पर चर्चा के दौरान सियासी टकराव तेज हो गया। सरकार ने इस विवादित बिल को पारित कराने की पूरी तैयारी कर ली है, वहीं कांग्रेस लगातार इसके प्रावधानों का विरोध कर रही है। विपक्ष का आरोप है कि यह बिल गलत मंशा से लाया जा रहा है और इसी कारण सदन में तीखा हंगामा देखने को मिला।

धर्मांतरण विरोधी बिल पर विधानसभा में घमासान

राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी बिल को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। सरकार का कहना है कि यह बिल जबरन, धोखाधड़ी या प्रलोभन देकर होने वाले धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए लाया गया है, जबकि कांग्रेस इसे समाज को बांटने वाला कदम बता रही है। बिल के पारित होने के बाद यह देश का सबसे सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून बन सकता है।

कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल का आरोप

वरिष्ठ कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने विधानसभा में इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह कानून गलत मंशा से लाया गया है। उनका कहना है कि यह न तो तार्किक रूप से सही है और न ही सामाजिक दृष्टि से उचित। धारीवाल ने चेतावनी दी कि इस तरह का कानून सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देगा और समाज को जोड़ने की बजाय बांटने का काम करेगा।

उन्होंने विशेष रूप से शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन को अपराध घोषित करने वाले प्रावधान का विरोध किया। धारीवाल के मुताबिक, इसे "लव जिहाद" से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे समाज में अनावश्यक विभाजन पैदा होगा।

शादी और धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन पर सजा

धर्मांतरण विरोधी बिल में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति शादी के बहाने या झूठी जानकारी देकर धर्म परिवर्तन कराता है, तो इसे अपराध माना जाएगा। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर 7 से लेकर 20 साल तक की सजा का प्रावधान रखा गया है।

सरकार का तर्क है कि यह प्रावधान समाज में हो रहे बलपूर्वक और छल से किए गए धर्मांतरण को रोकने में मदद करेगा। इससे उन संगठनों और व्यक्तियों पर भी नकेल कसी जाएगी जो आर्थिक या सामाजिक प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराते हैं।

मंत्री अविनाश गहलोत का बयान

सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अगुवाई में यह बिल तैयार किया गया है और इसे पूरे देश का सबसे सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून माना जाएगा।

गहलोत ने स्पष्ट किया कि कई बार दबाव और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है, जो किसी भी धर्म की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है और यही इस बिल का मुख्य उद्देश्य है।

Leave a comment