भारतीय रिजर्व बैंक ने PhonePe को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर की मंजूरी दी है। अब कंपनी छोटे-बड़े व्यापारियों को मल्टिपल पेमेंट ऑप्शन्स के जरिए भुगतान स्वीकारने और तुरंत सेटलमेंट की सुविधा दे सकेगी। इस फैसले से PhonePe का मर्चेंट नेटवर्क और पेमेंट गेटवे सर्विस मजबूत होगी, जिससे डिजिटल पेमेंट सेक्टर में उसका दबदबा और बढ़ेगा।
Online payment aggregator: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फिनटेक कंपनी PhonePe को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की अनुमति दे दी है। यह मंजूरी बीते शुक्रवार को मिली, जिससे कंपनी अब दुकानदारों और व्यवसायियों को कार्ड, UPI, नेट बैंकिंग समेत कई पेमेंट विकल्पों के जरिए आसानी से भुगतान स्वीकारने और सेटल करने की सुविधा दे सकेगी। PhonePe के अनुसार, यह कदम खासतौर पर छोटे और मध्यम कारोबारियों (SME) के लिए बड़ा फायदा लेकर आएगा और डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में कंपनी की मौजूदगी और मजबूत करेगा।
क्या है ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर
ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर एक ऐसी सर्विस है जो छोटे और बड़े कारोबारियों को अपने ग्राहकों से ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार करने में मदद करती है। जब कोई व्यापारी किसी पेमेंट एग्रीगेटर के साथ जुड़ता है तो वह कंपनी उसकी सभी जरूरी जानकारी और दस्तावेजों की जांच करती है। इसके बाद व्यापारी को एग्रीगेटर के प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्ड किया जाता है। इसके बाद व्यापारी अपने ग्राहकों से क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, यूपीआई, नेट बैंकिंग और वॉलेट्स के जरिए आसानी से पेमेंट ले सकता है।
फोनपे को मिली नई पहचान
शुक्रवार को आरबीआई की ओर से मिली मंजूरी के बाद फोनपे का दायरा और बढ़ गया है। कंपनी अब सिर्फ डिजिटल ट्रांजैक्शन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वह छोटे और मध्यम व्यवसायों यानी एसएमई सेक्टर के लिए भी नई सुविधाएं लेकर आएगी। फोनपे मर्चेंट बिजनेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी युवराज सिंह शेखावत ने कहा कि इस कदम से कंपनी खासकर उन व्यापारियों तक पहुंचेगी जिन्हें अब तक बेहतर सर्विस का फायदा नहीं मिल पा रहा था।
व्यापारियों को मिलेगी आसान सुविधा
फोनपे का पेमेंट गेटवे व्यापारियों को तुरंत ऑनबोर्ड करने की सुविधा देगा। इसका मतलब है कि कोई भी व्यापारी बहुत ही कम समय में अपने बिजनेस के लिए पेमेंट सुविधा शुरू कर सकेगा। साथ ही यह गेटवे डेवलपर्स के लिए आसान इंटीग्रेशन और ग्राहकों के लिए स्मूथ चेकआउट का अनुभव उपलब्ध कराएगा। इससे पेमेंट की सफलता दर भी बढ़ेगी और लेन-देन की प्रक्रिया और ज्यादा भरोसेमंद बनेगी।
कैसे काम करेगा एग्रीगेटर मॉडल
जब कोई ग्राहक फोनपे के जरिए किसी व्यापारी को भुगतान करेगा तो एग्रीगेटर पैसे को प्रोसेस करेगा। इसमें बैंक, कार्ड नेटवर्क और अन्य वित्तीय संस्थाओं के साथ समन्वय शामिल होगा। पेमेंट सफल होते ही ग्राहक को तुरंत कन्फर्मेशन मिल जाएगा। अगर किसी कारणवश भुगतान असफल होता है तो ग्राहक को इसका कारण भी बताया जाएगा। इस प्रक्रिया से न केवल व्यापारी को भरोसेमंद सुविधा मिलेगी बल्कि ग्राहक का अनुभव भी और बेहतर होगा।
फोनपे का सफर और मजबूती
फोनपे की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। महज कुछ सालों में ही कंपनी भारत की सबसे बड़ी फिनटेक कंपनियों में शामिल हो गई। आज फोनपे के पास 65 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड यूजर्स हैं। कंपनी का मर्चेंट नेटवर्क भी 4.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों तक फैला हुआ है। फोनपे हर दिन लगभग 36 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन्स को संभालता है।
कंपनी का पोर्टफोलियो भी काफी व्यापक है। इसमें पेमेंट सर्विसेज के साथ लेंडिंग, इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन, वेल्थ प्रोडक्ट्स, हाइपरलोकल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ‘पिनकोड’ और इंडस ऐपस्टोर जैसी सेवाएं शामिल हैं। अब ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में मंजूरी मिलने के बाद फोनपे के बिजनेस मॉडल में और विविधता आ जाएगी।
छोटे और मध्यम कारोबारियों के लिए खास
आरबीआई की इस मंजूरी से फोनपे का फोकस छोटे और मध्यम कारोबारियों की ओर और बढ़ेगा। अब तक कई छोटे व्यापारी पेमेंट गेटवे सेवाओं से वंचित रह जाते थे या फिर उन्हें जटिल प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता था। फोनपे का यह कदम इस गैप को भरने का काम करेगा। खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में व्यापारी अब डिजिटल पेमेंट को आसानी से अपना पाएंगे।
सरकार लगातार डिजिटल इंडिया मिशन पर जोर देती रही है। फोनपे जैसी कंपनियों को एग्रीगेटर की मंजूरी मिलना इस दिशा में बड़ा कदम है। इससे देशभर में कैशलेस ट्रांजैक्शन की पहुंच और गहरी होगी। खासकर त्योहारों के मौसम में जब लेन-देन की संख्या कई गुना बढ़ जाती है, ऐसे समय में फोनपे का यह नया रूप ग्राहकों और व्यापारियों दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।