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रणनीतिक रक्षा डील पर भारत की प्रतिक्रिया, पाकिस्तान-सऊदी समझौते को लेकर विदेश मंत्रालय ने दिया बयान

रणनीतिक रक्षा डील पर भारत की प्रतिक्रिया, पाकिस्तान-सऊदी समझौते को लेकर विदेश मंत्रालय ने दिया बयान

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने रणनीतिक रक्षा समझौता किया है। इसके तहत एक देश पर हमला दोनों पर हमला माना जाएगा। भारत ने कहा कि वह इस घटनाक्रम पर नजर रखेगा और सुरक्षा पर असर का अध्ययन करेगा।

New Delhi: पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते को रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौता (Strategic Mutual Defense Agreement) नाम दिया गया है। समझौते के अनुसार यदि किसी एक देश पर हमला होता है तो इसे दोनों पर हमला माना जाएगा। इस तरह दोनों देशों ने अपनी सुरक्षा को लेकर आपसी सहयोग और एकजुटता को औपचारिक रूप दिया है।

समझौते पर हस्ताक्षर कब और कैसे हुए

यह समझौता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सऊदी अरब यात्रा के दौरान हुआ। प्रधानमंत्री शरीफ रियाद पहुंचे जहां अल-यममाह पैलेस में उनकी मुलाकात क्राउन प्रिंस और सऊदी अरब के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान से हुई। इसी बैठक के दौरान दोनों देशों ने इस रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए।

समझौते के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया कि यह साझेदारी आठ दशकों से चली आ रही आपसी समझ और भाईचारे पर आधारित है। दोनों देशों ने इस समझौते को केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं रखा बल्कि इसे इस्लामी एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों से भी जोड़ा।

समझौते की मुख्य बातें

  1. किसी एक देश पर हमला होगा तो उसे दोनों पर हमला माना जाएगा।
  2. दोनों देश एक-दूसरे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रक्षा सहयोग बढ़ाएंगे।
  3. समझौते के तहत सैन्य सहयोग, खुफिया जानकारी साझा करना और संयुक्त प्रशिक्षण भी शामिल होगा।
  4. यह डील केवल द्विपक्षीय सुरक्षा ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता को भी मजबूत करने का प्रयास है।

पाकिस्तान सरकार का बयान

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह समझौता दोनों देशों के बीच दशकों पुराने रिश्तों को और मजबूत करेगा। बयान में साफ कहा गया कि यदि किसी भी देश पर हमला होता है तो दोनों मिलकर जवाब देंगे और किसी भी तरह के आक्रमण का संयुक्त रूप से सामना करेंगे।

सऊदी अरब और पाकिस्तान की साझेदारी

सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच संबंध लंबे समय से गहरे रहे हैं। सऊदी अरब हमेशा पाकिस्तान को आर्थिक और राजनीतिक मदद देता रहा है। वहीं, पाकिस्तान की सैन्य ताकत सऊदी अरब के लिए एक सुरक्षा कवच के रूप में देखी जाती है। अब इस समझौते ने इन रिश्तों को एक औपचारिक और मजबूत रूप दे दिया है।

भारत का पहला बयान

इस रक्षा समझौते को लेकर भारत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस समझौते पर ध्यान दिया है और इसकी जानकारी पहले से थी।

उन्होंने कहा– “हमने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर की खबरें देखी हैं। यह घटनाक्रम दोनों देशों के बीच एक दीर्घकालिक व्यवस्था को औपचारिक रूप देता है। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय व वैश्विक स्थिरता पर इसके प्रभाव का अध्ययन करेंगे। भारत सरकार अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”

डॉन अखबार की रिपोर्ट

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, इस समझौते की घोषणा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने की। इसमें कहा गया कि किसी भी प्रकार का हमला केवल एक देश पर नहीं बल्कि दोनों देशों पर माना जाएगा और मिलकर उसका प्रतिरोध किया जाएगा।

समझौते के बाद जारी संयुक्त बयान

समझौते के बाद पाकिस्तान और सऊदी अरब की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया– “लगभग आठ दशकों से चली आ रही साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए तथा भाईचारे, इस्लामी एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों के आधार पर दोनों देशों ने रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए।”

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