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रूस में 1952 के बाद सबसे बड़ा भूकंप, कई देशों में सुनामी अलर्ट, INCOIS बोला- भारत के लिए कोई खतरा नहीं

रूस में 1952 के बाद सबसे बड़ा भूकंप, कई देशों में सुनामी अलर्ट, INCOIS बोला- भारत के लिए कोई खतरा नहीं

रूस के कामचटका में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे 13 फीट ऊंची सुनामी लहरें उठीं। जापान-अमेरिका ने अलर्ट जारी किया। भारत में INCOIS ने सुनामी खतरे से इनकार किया है।

Russia Earthquake: रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका प्रायद्वीप में रिक्टर स्केल पर 8.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह भूकंप पेत्रोपावलोव्स्क-कामचात्स्की से लगभग 119 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से मात्र 19 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिससे इसका प्रभाव बेहद तीव्र रहा। इस भूकंप के बाद क्षेत्र में करीब 4 मीटर (13 फीट) ऊंची सुनामी लहरें उठीं, जिसने आसपास के तटीय इलाकों में तबाही मचा दी।

इमारतें क्षतिग्रस्त, कई घायल

भूकंप के झटकों से कई इमारतों में दरारें आ गईं। एक किंडरगार्टन में दीवारें टूटने की खबर है। कुछ लोग भागते समय गिरकर घायल हो गए, जबकि एक महिला को नए एयरपोर्ट टर्मिनल में चोट आई। सेवेरो-कुरील्स्क बंदरगाह पर 10 से 13 फीट ऊंची लहरों ने तबाही मचाई और एक मछली प्रसंस्करण संयंत्र जलमग्न हो गया। हालांकि अधिकांश संरचनाएं इस तबाही को सह गईं।

गवर्नर ने कहा- दशकों में सबसे बड़ा भूकंप

कामचटका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने इस घटना को दशकों में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया है। भू-भौतिकी विशेषज्ञों के मुताबिक यह 1952 के बाद का सबसे बड़ा भूकंप है।

प्रशांत क्षेत्र में तटवर्ती देशों में अलर्ट

यह इलाका 'रिंग ऑफ फायर' के तहत आता है, जो ज्वालामुखियों और भूकंप के लिए जाना जाता है। भूकंप के बाद यूएस Tsunami Warning System ने अलर्ट जारी किया कि रूस, हवाई और इक्वाडोर के कुछ तटीय इलाकों में 3 मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठ सकती हैं। जापान, चिली, सोलोमन द्वीप जैसे देशों में 1 से 3 मीटर ऊंची लहरों का खतरा बना हुआ है।

जापान में त्वरित निकासी अभियान

2011 की विनाशकारी सुनामी झेल चुके जापान ने इस बार किसी भी तरह की चूक नहीं की। जापान सरकार ने पूर्वी समुद्री तट के हजारों निवासियों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के आदेश दिए। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से कर्मचारियों को बाहर निकाला गया। हालांकि अभी तक जापान में किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। निसान मोटर्स ने अपने कुछ संयंत्रों में काम रोक दिया है।

अमेरिका ने भी जारी किया हाई अलर्ट

अमेरिका के हवाई द्वीप समूह में तटीय इलाकों के लोगों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों या इमारतों की ऊपरी मंजिलों पर जाने की सलाह दी गई। अमेरिकी तटरक्षक बल ने बंदरगाहों से जहाजों को बाहर निकालने के आदेश दिए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सोशल मीडिया पर अलर्ट साझा किया और लोगों से सतर्क रहने की अपील की।

रूस के लिए आफ्टरशॉक्स का खतरा बरकरार

रूसी विज्ञान अकादमी ने कहा है कि फिलहाल और भी आफ्टरशॉक्स आने की संभावना है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इससे अधिक तीव्र झटका आने की संभावना कम है। चूंकि भूकंप का केंद्र समुद्र में था, इसलिए सुनामी का खतरा स्वाभाविक रूप से अधिक हो गया।

भारत के लिए कोई खतरा नहीं: INCOIS

भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवाएं केंद्र (INCOIS) ने स्पष्ट किया है कि भारत और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए इस सुनामी का कोई खतरा नहीं है। INCOIS ने बताया कि 30 जुलाई 2025 को सुबह 4:54 बजे IST पर यह भूकंप दर्ज किया गया। चूंकि इसका केंद्र भारत से काफी दूर, प्रशांत महासागर के उत्तर में था, इसलिए भारतीय तटीय इलाकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।

सोशल मीडिया पर साझा किया संदेश

INCOIS ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, "भारत और हिंद महासागर के लिए कोई सुनामी खतरा नहीं है।" इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारतीय तटीय क्षेत्रों में किसी प्रकार की निकासी या चेतावनी की आवश्यकता नहीं है।

 

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