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SCO शिखर सम्मेलन से पहले पुतिन का संदेश, कहा- BRICS देशों के लिए नए आर्थिक अवसर पर होगा फोकस

SCO शिखर सम्मेलन से पहले पुतिन का संदेश, कहा- BRICS देशों के लिए नए आर्थिक अवसर पर होगा फोकस

SCO शिखर सम्मेलन से पहले पुतिन ने अमेरिका को कड़ा संदेश दिया। कहा, भेदभावपूर्ण प्रतिबंध मंजूर नहीं। BRICS को मजबूत बनाने और IMF, विश्व बैंक में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। चीन और रूस मिलकर नए आर्थिक अवसर तैयार करेंगे।

SCO Summit: चीन के तियानजिन शहर में आज से शुरू हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है। पुतिन ने कहा कि किसी भी तरह के भेदभावपूर्ण प्रतिबंध (discriminatory sanctions) स्वीकार नहीं किए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रूस और चीन मिलकर BRICS को मजबूत बनाने और सदस्य देशों के लिए आर्थिक अवसर बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।

ब्रिक्स को मजबूत करने पर जोर

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि BRICS के सदस्य देश वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए एकजुट हैं। पुतिन ने कहा कि BRICS को एक मजबूत मंच के रूप में विकसित करने की जरूरत है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में संतुलन लाने में मदद करे। उनका कहना था कि भेदभावपूर्ण प्रतिबंध न केवल देशों की आर्थिक प्रगति में बाधा डालते हैं, बल्कि वैश्विक व्यापार के संतुलन को भी प्रभावित करते हैं।

पुतिन ने कहा कि रूस और चीन BRICS के भीतर मिलकर काम कर रहे हैं ताकि इसे वैश्विक संरचना का एक प्रमुख स्तंभ बनाया जा सके। यह मंच न केवल आर्थिक बल्कि रणनीतिक क्षेत्रों में भी सहयोग के नए रास्ते खोलेगा।

चीन के साथ साझेदारी पर जोर

रूसी राष्ट्रपति ने साफ किया कि चीन और रूस मिलकर BRICS देशों के लिए आर्थिक अवसर बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। पुतिन ने कहा कि रणनीतिक क्षेत्रों में साझेदारी के लिए साझा मंच बनाए जा रहे हैं। इन मंचों का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच व्यापार और निवेश को नए स्तर तक ले जाना है। बदलते वैश्विक हालात में BRICS देशों का सहयोग नई वित्तीय प्रणाली और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए संतुलित मंच तैयार करेगा।

IMF और विश्व बैंक में सुधार की मांग

पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय संस्थानों को इस तरह बदलने की जरूरत है कि सभी देशों को बराबरी के अवसर मिलें।

पुतिन के अनुसार, नई वित्तीय प्रणाली openness और equality पर आधारित होनी चाहिए। सभी देशों को अपने संसाधनों तक समान और भेदभावरहित पहुंच मिलनी चाहिए और यह वैश्विक अर्थव्यवस्था में उनकी वास्तविक स्थिति को दर्शाए।

SCO शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और पुतिन की संभावित मुलाकात

इस बार के SCO शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो रहे हैं। उम्मीद है कि शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। दोनों नेता कई अहम मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं, जिनमें आर्थिक सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता प्रमुख रहेंगे।

वैश्विक राजनीति में नई दिशा की उम्मीद

चीन के तियानजिन में हो रहे इस शिखर सम्मेलन को वैश्विक राजनीति में नई दिशा देने वाला माना जा रहा है। रूस, चीन और भारत जैसे बड़े देशों के नेता जब एक मंच पर आते हैं तो वैश्विक कूटनीति और आर्थिक नीतियों में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है।

अमेरिका को सीधा संदेश

पुतिन का बयान अमेरिका के लिए सीधा संदेश माना जा रहा है। रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के बाद से मॉस्को लगातार नई आर्थिक साझेदारियों की ओर बढ़ रहा है। BRICS और SCO जैसे मंच रूस को पश्चिमी देशों के दबाव से बाहर निकलने का मौका दे रहे हैं। भेदभावपूर्ण प्रतिबंध केवल कुछ देशों के हित में नहीं हैं, बल्कि ये पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह हैं। इसलिए ऐसी नीतियां किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएंगी।

चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियां

SCO और BRICS के मंचों पर चीन और रूस की बढ़ती नजदीकियां साफ नजर आ रही हैं। दोनों देश वैश्विक व्यापार में डॉलर की निर्भरता कम करने और स्थानीय मुद्राओं में व्यापार बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं।

पुतिन ने कहा कि BRICS के माध्यम से सदस्य देशों के लिए नए आर्थिक अवसर पैदा किए जाएंगे। इसमें ऊर्जा, तकनीक, व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्र प्रमुख होंगे। रूस का मानना है कि इन क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाकर सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं को नई मजबूती दी जा सकती है।

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