बिहार चुनाव में जनसुराज पार्टी के टिकट वितरण ने राजनीतिक हलचल मचा दी। भागलपुर में जाति और क्षेत्रीय समीकरण के आधार पर उम्मीदवार चुने गए। विरोधी नेताओं ने इसका विरोध किया, जिससे सीटों पर मुकाबला चुनौतीपूर्ण बन गया।
भागलपुर। बिहार चुनाव से पहले जनसुराज पार्टी के टिकट वितरण को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पार्टी पर आरोप हैं कि उसने उम्मीदवारों का चयन जाति के आधार पर किया है। विभिन्न जातियों के प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें सवर्ण, पिछड़े और दलित समुदाय शामिल हैं। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि पार्टी ने सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है, लेकिन कुछ समुदायों को अधिक अवसर मिले हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार की राजनीति में जाति हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है और इस बार भी इसका असर देखा जा रहा है।
भागलपुर जिले में टिकट वितरण का तरीका
भागलपुर जिले की सात विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार चयन दिखाता है कि जनसुराज ने जातीय सर्वेक्षण और बूथवार जाति हिस्सेदारी के आधार पर ही टिकट बांटे। पीरपैंती आरक्षित (एससी) सीट पर रविदास समुदाय से घनश्याम दास को टिकट दिया गया। कहलगांव विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण मंजर आलम को प्रत्याशी घोषित किया गया। भागलपुर शहरी सीट, जहां ब्राह्मण और अपर कास्ट निर्णायक भूमिका में हैं, वहां अभयकांत झा को मैदान में उतारा गया।
बिहपुर और सुल्तानगंज में जातिगत समीकरण
बिहपुर विधानसभा सीट पर 25 प्रतिशत भूमिहार वोटरों के प्रभाव को देखते हुए पवन चौधरी को टिकट दिया गया। सुल्तानगंज सीट पर यादव दूसरे नंबर पर, कोयरी पहले और मुस्लिम तीसरे क्रम पर रहे। प्रत्याशी का चयन इस समीकरण को ध्यान में रखते हुए किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि टिकट वितरण में जाति का महत्वपूर्ण असर रहा।
नाथनगर और गोपालपुर में प्रतिनिधित्व का दृष्टिकोण
नाथनगर और गोपालपुर विधानसभा सीटों में जनसुराज ने जातिगत बहुलता से कुछ हटकर टिकट दिया। गोपालपुर में कुशवाहा जाति के मनकेश्वर सिंह को टिकट मिला जबकि नाथनगर में कुर्मी जाति के अजय राय को उम्मीदवार बनाया गया। इसके पीछे पार्टी का उद्देश्य स्थानीय प्रतिनिधित्व और क्षेत्रीय समीकरण को संतुलित करना रहा।
प्रत्याशियों का राजनीतिक संबंध
भागलपुर के सातों विधानसभा सीटों पर उतारे गए प्रत्याशियों में से पांच का राजनीतिक पृष्ठभूमि से संबंध रहा है। पीरपैंती से घनश्याम दास स्टेशन मास्टर से रिटायर्ड हैं, उनकी पत्नी मुखिया हैं। कहलगांव से मंजर आलम खुद मुखिया हैं। नाथनगर के अजय राय भी खुद मुखिया हैं। बिहपुर से पवन चौधरी पहले भाजपा में सक्रिय कार्यकर्ता थे। गोपालपुर के मनकेश्वर सिंह पूर्व में मुखिया रहे हैं और उनके परिवार से कोई प्रमुख रहा है।
भागलपुर शहरी सीट से अभयकांत झा का किसी राजनीतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है जबकि सुल्तानगंज से राकेश यादव लंबे समय से सामाजिक कार्यकर्ता हैं और स्थापना काल से जनसुराज से जुड़े हैं।