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कोटा में मंत्री हीरालाल नागर का बड़ा एक्शन, घटिया निर्माण पर स्कूल और तालाब की दीवार ध्वस्त

कोटा में मंत्री हीरालाल नागर का बड़ा एक्शन, घटिया निर्माण पर स्कूल और तालाब की दीवार ध्वस्त

कोटा के अमली झाड़ गांव में घटिया निर्माण की शिकायत पर मंत्री हीरालाल नागर ने स्कूल बिल्डिंग और तालाब के घाट को ध्वस्त करवा दिया। मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कोटा: राजस्थान के कोटा जिले में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने घटिया निर्माण के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। अमली झाड़ गांव में 3.91 करोड़ रुपये की लागत से बन रही स्कूल बिल्डिंग और 77 लाख रुपये खर्च कर तैयार किए जा रहे तालाब के घाट को मंत्री के निर्देश पर ध्वस्त कर दिया गया।

मंत्री ने बताया कि बुलडोजर से कुछ ही घंटों में निर्माण ध्वस्त कराकर भ्रष्टाचार करने वालों को सख्त संदेश दिया गया। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।

ग्रामीणों की स्कूल और तालाब निर्माण को लेकर शिकायतें

भजन लाल शर्मा सरकार के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर कोटा पहुंचे थे, जहां ग्रामीणों ने निर्माणाधीन स्कूल और तालाब के पक्के घाट को लेकर शिकायतें कीं। लोगों ने गुणवत्ता और निर्माण सामग्री में घटिया काम पर नाराजगी जताई।

शिकायत मिलने के बाद मंत्री स्वयं निरीक्षण करने पहुंचे और निर्माण स्थल पर चेकिंग कराई। निरीक्षण में निर्माण की गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई, जिससे मंत्री ने संबंधित अफसरों को फटकार लगाई और तुरंत निर्माण ध्वस्त करने के आदेश दिए।

बुलडोजर से ध्वस्त हुआ निर्माण

मंत्री की मौजूदगी में जेसीबी मशीनें मौके पर पहुंची और स्कूल बिल्डिंग के एक हिस्से तथा तालाब के तैयार हो चुके घाट को ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी।

हीरालाल नागर ने मीडिया से कहा कि झालावाड़ में स्कूल गिरने से सात बच्चों की मौत के बाद भी कोटा में घटिया क्वालिटी का निर्माण हो रहा था, जो बिलकुल अस्वीकार्य है।

शिक्षा और राजनीतिक दृष्टिकोण

कोटा जिले की रामगंज मंडी सीट से शिक्षा मंत्री मदन दिलावर विधायक हैं और वे क्षेत्र में काफी सक्रिय हैं। ऐसे में ऊर्जा मंत्री का यह बुलडोजर एक्शन सियासी गलियारों में सुर्खियों में रहा। यह मामला यह दिखाता है कि विभागीय कार्यों पर पारदर्शिता और गुणवत्ता की निगरानी जरूरी है।

मंत्री का यह कदम भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण के खिलाफ अन्य अधिकारियों के लिए भी संदेश है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

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