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सदन में तीखी बहस के बाद हाथापाई की नौबत, तेजस्वी यादव के आरोपों से भड़के सत्ता पक्ष

सदन में तीखी बहस के बाद हाथापाई की नौबत, तेजस्वी यादव के आरोपों से भड़के सत्ता पक्ष

बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में तेजस्वी यादव के तीखे बयान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए। बयानबाजी ने तूल पकड़ा और सदन में हंगामा हो गया।

Tejashwi Yadav Speech: बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र गुरुवार 24 जुलाई को खासा हंगामेदार रहा। दोपहर 2 बजे शुरू हुई कार्यवाही में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा और उनके भाषण को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने बिहार में रेलवे इंजन फैक्ट्री की बात की लेकिन लालू प्रसाद यादव का नाम तक नहीं लिया जिन्होंने इसकी नींव रखी थी।

लालू यादव का नाम क्यों नहीं लिया गया?

तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जब बिहार आए तो यह अच्छी बात है लेकिन उन्होंने जो कहा, उसमें सच्चाई का अभाव था। उन्होंने रेलवे इंजन और उसके निर्यात की बात की लेकिन यह नहीं बताया कि बिहार में रेलवे फैक्ट्री की शुरुआत किसने की थी। तेजस्वी ने दावा किया कि यह काम लालू यादव ने किया था और उसी की बदौलत आज बिहार में यह उद्योग फल-फूल रहा है। उनका सवाल था कि प्रधानमंत्री के मुंह से एक बार भी लालू यादव की तारीफ क्यों नहीं निकली।

बीजेपी विधायक की टिप्पणी पर भड़के तेजस्वी

तेजस्वी के भाषण के दौरान बीजेपी विधायक और मुख्य सचेतक जनक सिंह ने उन पर टिप्पणी कर दी जिससे मामला गरमा गया। तेजस्वी ने जवाब में कहा, "ज्यादा जोर से बोलोगे तो गीला हो जाएगा।" इस बयान पर सत्ता पक्ष के नेता भड़क गए और सदन में शोरगुल मच गया।

सम्राट चौधरी और तेजस्वी के बीच तीखी नोकझोंक

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा, "जिसका बाप अपराधी हो, वह बिहार का क्या भला करेगा?" इस टिप्पणी के बाद हंगामा और बढ़ गया और सदन की कार्यवाही को चार बजे तक स्थगित करना पड़ा। हालांकि, कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ।

सदन में हाथापाई की नौबत

सदन की कार्यवाही भले ही स्थगित कर दी गई हो लेकिन बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी के विधायक आपस में उलझ गए। एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मार्शलों को बीच में आना पड़ा।

तेजस्वी ने एनडीए को बताया 'नेशनल दामाद आयोग'

सदन में अपने भाषण के दौरान तेजस्वी यादव ने एनडीए पर तंज कसते हुए कहा कि अब इसे 'नेशनल दामाद आयोग' कहा जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार में चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और अशोक चौधरी जैसे नेताओं के रिश्तेदारों को पद दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सब RSS कोटा से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री को अब परिवारवाद नजर नहीं आ रहा है जबकि वह विपक्ष पर इसी मुद्दे पर सवाल उठाते हैं। तेजस्वी का कहना था कि जनता को यह जानने का हक है कि अगला कौन-सा कोटा सामने आएगा।

एसआईआर प्रक्रिया पर उठाए सवाल

तेजस्वी यादव ने SIR (Special Identification Register) प्रक्रिया को भी कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। लोगों के पास वे दस्तावेज नहीं हैं जो मांगे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएलओ (Booth Level Officers) सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं और सरकार बस यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि 25 दिन में 99% सत्यापन का काम पूरा हो जाएगा।

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