उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन 'विकसित यूपी @2047' अभियान लगातार जनभागीदारी के साथ आगे बढ़ रहा है। मंगलवार तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी और श्रमिक संगठनों, मीडिया एवं आम जनता से संवाद किया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘विकसित यूपी @2047’ मिशन ने जनभागीदारी का नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। प्रदेशभर के लोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, कृषि, तकनीकी नवाचार और अन्य सामाजिक मुद्दों पर सुझाव दिए हैं। मंगलवार तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने छात्रों, शिक्षकों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया और आम नागरिकों से संवाद किया।
इस पहल का उद्देश्य न केवल पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा साझा करना है, बल्कि भविष्य के रोडमैप को निर्धारित करने के लिए जनता की राय और फीडबैक को शामिल करना भी है। सरकार द्वारा विकसित पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक लगभग दो लाख फीडबैक दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों से लगभग 1.35 लाख और नगरीय क्षेत्रों से 65 हजार सुझाव प्राप्त हुए हैं।
शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि में सर्वाधिक सुझाव
जनता के सुझावों में शिक्षा को सबसे प्रमुख मुद्दा माना गया। शिक्षा क्षेत्र से लगभग 70 हजार सुझाव प्राप्त हुए, जबकि नगरीय और ग्रामीण विकास से संबंधित 40 हजार, स्वास्थ्य क्षेत्र से 15 हजार, समाज कल्याण से 16 हजार और कृषि क्षेत्र से 27 हजार सुझाव प्राप्त हुए। विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में छात्रावासों में स्वच्छता, पौष्टिक भोजन, चिकित्सकीय सुविधाएं और खेल-कूद के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया।
इसके साथ ही विधायकों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता स्नातक स्तर निर्धारित करने और गौशाला समितियों में 50% महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने जैसे सुझाव भी सामने आए।
प्रमुख जिलों से सक्रिय भागीदारी
देवरिया, कानपुर देहात, हरदोई, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, महराजगंज, प्रतापगढ़ और गोरखपुर जैसे जिलों से सबसे अधिक भागीदारी देखी गई। इन जिलों से कुल 69,670 से अधिक फीडबैक प्राप्त हुए, जो इस अभियान के प्रति जनता की गंभीर रुचि को दर्शाता है। लखनऊ के कुंवर उर्जस्वित सिंह ने सुझाव दिया कि राज्य में एक वितरित डेटा सेंटर ग्रिड और लखनऊ में फिनटेक-एंड-एनालिटिक्स सिटी विकसित की जानी चाहिए।
इससे यूपी की वैश्विक सेवा क्षमता और डेटा सुरक्षा में सुधार होगा। साथ ही, स्थानीय शासन में AI पायलट प्रोजेक्ट और एकीकृत नागरिक पोर्टल लागू करके वास्तविक समय में निर्णय प्रक्रिया और सेवाओं की दक्षता बढ़ाई जा सकती है।
कृषि और पशुपालन में सुधार
कृषि से जुड़े किसानों ने पशुपालन में आ रही समस्याओं पर भी सुझाव दिए। हाल के वर्षों में पशु आहार में मिलावट की घटनाओं को देखते हुए सुझाव दिया गया कि एक ऐसा स्कैनर ऐप विकसित किया जाए जो पशु आहार की शुद्धता की पहचान करे। इसके साथ ही यह ऐप पशु की नस्ल, दूध उत्पादन क्षमता और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी उपलब्ध कराए। इसके अलावा, पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन से जुड़े लोगों को बीमा के दायरे में लाने का सुझाव भी सामने आया।