इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण वैश्विक स्तर पर आर्थिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है, जिसका सीधा असर भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखने को मिला है।
नई दिल्ली: बीते सप्ताह जब ग्लोबल बाजारों में भू-राजनीतिक तनाव और शेयरों में भारी गिरावट की लहर थी, तब भी टाटा ग्रुप की प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने बाजार में मजबूती दिखाई और निवेशकों को भारी लाभ दिलाया। एयर इंडिया के विमान हादसे की खबरों और वैश्विक अशांति के बावजूद, टीसीएस और इंफोसिस जैसी आईटी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में तेजी आई, जबकि अन्य दिग्गज कंपनियां गिरावट के दौर से गुजरीं।
वैश्विक तनाव का असर भारत पर
पिछले सप्ताह इजरायल और ईरान के बीच बढ़े तनाव के कारण वैश्विक स्तर पर निवेशकों में घबराहट देखने को मिली। इस भू-राजनीतिक संकट का असर भारत के शेयर बाजार पर भी पड़ा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1,070.39 अंक यानी लगभग 1.30 प्रतिशत तक गिर गया। इस गिरावट से देश की शीर्ष 10 बड़ी कंपनियों में से 8 का बाजार पूंजीकरण घट गया।
इन कंपनियों की कुल पूंजी में 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कमी दर्ज की गई। लेकिन टाटा समूह की फ्लैगशिप कंपनी टीसीएस और इंफोसिस इस संकट से बचते हुए फायदे में रहीं।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने दिखाई मजबूती
टाटा समूह की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस ने इस कठिन सप्ताह में 22,215.06 करोड़ रुपये का बाजार मूल्य जोड़ा। इससे कंपनी का कुल मार्केट कैप 12,47,190.95 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह न केवल टाटा समूह के लिए बल्कि आईटी सेक्टर के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।
टीसीएस की इस मजबूती का कारण इसके ठोस क्लाइंट पोर्टफोलियो, स्थिर आय और वैश्विक मंदी के बावजूद आउटसोर्सिंग की मांग में निरंतरता माना जा रहा है। ऐसे समय में जब अन्य सेक्टर दबाव में थे, टीसीएस ने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि तकनीकी क्षेत्र में स्थिरता अब भी बनी हुई है।
इंफोसिस ने भी जोड़ा फायदा
टीसीएस के साथ-साथ इंफोसिस ने भी 15,578.3 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया और इसका बाजार पूंजीकरण 6,65,318.03 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इंफोसिस की भी अंतरराष्ट्रीय क्लाइंट बेस, मजबूत कस्टमर रिटेंशन और डिजिटल सेवाओं की मांग में तेजी जैसे कारकों ने इसमें योगदान दिया।
विश्लेषकों का मानना है कि डॉलर में मजबूती और विदेशी ग्राहकों से मिल रहे प्रोजेक्ट्स इन कंपनियों की आमदनी को स्थिर बनाए हुए हैं। इस कारण से निवेशक अस्थिर बाजार में आईटी कंपनियों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
दूसरी कंपनियों को भारी नुकसान
जहां एक ओर आईटी कंपनियों ने राहत दी, वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एलआईसी, एसबीआई, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी दिग्गज कंपनियों को भारी झटका लगा।
एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 47,075.97 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 14,68,777.88 करोड़ रुपये पर आ गया। इसी प्रकार आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन 30,677.44 करोड़ रुपये घटकर 10,10,375.63 करोड़ रुपये रह गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 21,516.63 करोड़ रुपये गिरकर 19,31,963.46 करोड़ रुपये हो गया।
भारतीय स्टेट बैंक का मार्केट कैप 18,250.85 करोड़ रुपये घटकर 7,07,186.89 करोड़ रुपये रह गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलआईसी, बजाज फाइनेंस और एयरटेल को भी सामूहिक रूप से हजारों करोड़ रुपये की क्षति हुई।
शीर्ष कंपनियों की नई रैंकिंग
इस सप्ताह के अंत में बीएसई की टॉप 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज अब भी पहले स्थान पर बनी हुई है। उसके बाद एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, इंफोसिस, एलआईसी, बजाज फाइनेंस और हिंदुस्तान यूनिलीवर का स्थान रहा।
यह स्पष्ट है कि बैंकिंग और एफएमसीजी कंपनियों को जहां दबाव का सामना करना पड़ा, वहीं आईटी कंपनियों ने बाजार में स्थिरता दिखाई और अपनी पकड़ बनाए रखी।
एयर इंडिया हादसे का पड़ा सीमित असर
पिछले सप्ताह अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए तकनीकी हादसे के कारण विमानन उद्योग में हलचल जरूर मची, लेकिन टाटा समूह पर इसका कोई विशेष वित्तीय असर नहीं पड़ा। एयर इंडिया भले ही फिलहाल टाटा समूह के स्वामित्व में हो, लेकिन मार्केट की प्रतिक्रिया इस घटना को लेकर सतर्क रही और कंपनी की मूलधन मूल्य में गिरावट देखने को नहीं मिली।
टाटा समूह के लिए यह राहत भरी बात रही कि जहां दुर्घटना एक गंभीर मसला थी, वहीं निवेशकों ने इसे अस्थायी घटना मानते हुए ग्रुप की अन्य कंपनियों में भरोसा जताया।