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Shimla MC चुनाव: महापौर-उपमहापौर के लिए सियासत गरम, महिला पार्षदों को मिल सकता मौका

Shimla MC चुनाव: महापौर-उपमहापौर के लिए सियासत गरम, महिला पार्षदों को मिल सकता मौका

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नगर निगम महापौर और उपमहापौर चुनाव को लेकर सियासत तेज़ हो गई है। नगर निगम का ढाई साल का कार्यकाल 15 नवंबर को समाप्त होने वाला है, जिसके मद्देनज़र कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के पार्षद सक्रिय हो गए हैं। 

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नगर निगम महापौर और उपमहापौर चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। 15 नवंबर को समाप्त होने वाले महापौर और डिप्टी मेयर के ढाई साल के कार्यकाल को देखते हुए कांग्रेस के कई पार्षद सक्रिय हो गए हैं। वहीं, इस मामले में भाजपा ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।

भाजपा का कहना है कि अगले ढाई साल के लिए महिला पार्षद को महापौर पद पर मौका मिलना चाहिए। वर्तमान में नगर निगम सदन में 34 में से 21 पद महिला पार्षदों के पास हैं। भाजपा पार्षद सरोज ठाकुर का कहना है कि महिला पार्षदों की संख्या ज्यादा होने के कारण महापौर पद पर महिला को प्राथमिकता मिलनी चाहिए और कांग्रेस सरकार को इसका सम्मान करना चाहिए।

भाजपा की मांग: महिला को महापौर पद पर मौका

नगर निगम में कुल 34 पार्षद हैं, जिनमें से 21 महिला पार्षद हैं। भाजपा का कहना है कि महिला पार्षदों की संख्या अधिक होने के कारण महापौर पद पर अब महिला को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। भाजपा पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार को महिला पार्षदों का सम्मान करना चाहिए और रोस्टर में बदलाव कर उन्हें महापौर पद का अवसर देना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 12 साल में महापौर पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित नहीं हुआ है, इसलिए अब यह मौका नियमों के अनुसार महिलाओं को मिलना चाहिए। भाजपा का यह भी कहना है कि यदि कांग्रेस सरकार रोस्टर में संशोधन कर महिलाओं से यह हक छीनती है, तो उसका विरोध किया जाएगा।

कांग्रेस का रुख और सियासी दावेदारी

साल 2023 के नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया था और उस समय पार्टी की महिला पार्षदों ने प्रियंका गांधी के सामने भी महिलाओं को उच्च पदों पर तैनात करने का पक्ष रखा था। उस समय उपमहापौर पद पर सबसे अनुभवी महिला पार्षद उमा कौशल को नियुक्त किया गया, जबकि महापौर पद पर मुख्यमंत्री के करीबी सुरेंद्र चौहान को बिठाया गया।

अब 15 नवंबर को ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के साथ ही कांग्रेस के कई पार्षद फिर से अपनी दावेदारी पेश करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार, आने वाली मंत्रिमंडल बैठक में रोस्टर में संशोधन पर चर्चा हो सकती है। रोस्टर के अनुसार महापौर और उपमहापौर पद पर अगले महीने दोबारा चुनाव करवाए जाने हैं।

हालांकि, चर्चा यह भी है कि सुरेंद्र चौहान को अगले पांच साल के लिए महापौर बनाए रखने की तैयारी की जा रही है। नगर निगम में कांग्रेस के 24, भाजपा के 9 और माकपा के 1 पार्षद हैं। इस हिसाब से महापौर और उपमहापौर पद पर कांग्रेस के ही पार्षद तैनात होंगे।

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