भारतीय सिनेमा की चमकदार दुनिया में जहां एक पल में सितारे आसमान की बुलंदियों पर पहुंच जाते हैं, वहीं अगले ही पल विवादों और असफलताओं के चलते गुमनामी में खो भी जाते हैं।
एंटरटेनमेंट: भारतीय सिनेमा की चमक-दमक भरी दुनिया उतनी ही तेज़ी से सितारों को ऊँचाइयों पर पहुंचाती है, जितनी बेरहमी से उन्हें जमीन पर भी पटक देती है। एक वक्त ऐसा आता है जब वही चेहरे, जो हर पर्दे पर छाए रहते थे, कुछ सालों बाद गुमनामी की भूलभुलैया में खो जाते हैं। इसके पीछे कभी निजी फैसले, कभी विवाद, और कभी किस्मत का साथ छूटना कारण बनता है।
ऐसा ही सफर रहा है श्वेता बसु प्रसाद का। एक बाल कलाकार के रूप में धमाकेदार शुरुआत करने वाली श्वेता ने सिर्फ 11 साल की उम्र में नेशनल अवॉर्ड जीत कर यह साबित किया कि उनके भीतर प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। लेकिन जीवन ने उन्हें जटिल दौर में डाल दिया, वे जिस्म के कारोबार के रैकेट में फंस गईं। इस कठिन समय में भी श्वेता ने हिम्मत नहीं हारी और फिर पर्दे पर ऐसी शानदार वापसी की, जिसकी उम्मीद किसी को भी नहीं थी।
‘मकड़ी’ से मिली पहचान
साल 2002 में विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘मकड़ी’ में दोहरी भूमिका निभाकर श्वेता ने दर्शकों का दिल जीत लिया। उनके शानदार अभिनय ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार (नेशनल अवॉर्ड) दिलाया। इसके बाद नागेश कुकुनूर की फिल्म ‘इकबाल’ (2005) में उन्होंने खदीजा का किरदार निभाया, जो दर्शकों के जेहन में आज भी ताजा है।
बाल कलाकार के रूप में उनकी सफलता ने उन्हें टीवी की दुनिया में भी लोकप्रिय बनाया। उन्होंने ‘कहानी घर घर की’ और कई अन्य धारावाहिकों में अहम किरदार निभाए। इसके अलावा, उन्होंने तेलुगु सिनेमा में भी कदम रखा और फिल्म ‘बंगारुलोकम’ में अपनी अदाकारी से साउथ इंडियन दर्शकों को प्रभावित किया।
करियर का सबसे कठिन दौर
साल 2014 श्वेता के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। उन्हें हैदराबाद के एक फाइव-स्टार होटल से पुलिस ने एक कथित सेक्स रैकेट मामले में हिरासत में लिया। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उन्होंने आर्थिक तंगी के चलते गलत रास्ता अपनाया। यह खबर आग की तरह फैली और श्वेता की छवि को गहरा धक्का लगा। उस समय वे सिर्फ 23 साल की थीं। विवादों के चलते उन्हें लगभग दो महीने तक जेल में रहना पड़ा। हालांकि, बाद में मामले की गहन जांच के बाद श्वेता पर लगे सभी आरोप खारिज कर दिए गए और साफ हुआ कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया था।
बाद में खुद श्वेता ने कहा कि उन्होंने कभी कोई गलत काम स्वीकार नहीं किया और वे हैदराबाद केवल एक पुरस्कार समारोह में भाग लेने गई थीं। बावजूद इसके, इस घटना ने उनके करियर को लंबे समय के लिए प्रभावित किया।
श्वेता की निजी जिंदगी में उतार-चढ़ाव
विवादों से जूझने के बाद श्वेता ने अपनी निजी जिंदगी में भी कई उतार-चढ़ाव देखे। साल 2018 में उन्होंने फिल्ममेकर रोहित मित्तल से शादी की, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं टिक पाया। मात्र एक साल बाद, 2019 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। श्वेता ने सोशल मीडिया पर खुद इस बारे में खुलकर बात की और बताया कि तलाक के बावजूद उनकी और रोहित की दोस्ती बरकरार है। इस पारदर्शिता ने उनके फैंस को प्रभावित किया और उन्हें मजबूत और आत्मनिर्भर महिला के रूप में देखने की दृष्टि दी।
विवादों और व्यक्तिगत संघर्षों के बावजूद श्वेता ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर वापसी की और अपने शानदार अभिनय से फिर से दर्शकों को प्रभावित किया।