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NRI उद्योगपति स्वराज पॉल का 94 साल की उम्र में लंदन में निधन, PM मोदी ने जताया शोक

NRI उद्योगपति स्वराज पॉल का 94 साल की उम्र में लंदन में निधन, PM मोदी ने जताया शोक

NRI उद्योगपति और कैपारो ग्रुप के संस्थापक लॉर्ड स्वराज पॉल का 94 वर्ष की आयु में लंदन में निधन हो गया। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे पॉल ने परिवार की मौजूदगी में आखिरी सांस ली। प्रधानमंत्री मोदी सहित कई नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।

Lord Swraj Paul demise: लंदन में गुरुवार शाम NRI उद्योगपति और कैपारो ग्रुप के संस्थापक लॉर्ड स्वराज पॉल का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। जालंधर में जन्मे पॉल लंबे समय से अस्वस्थ थे और हाल ही में अस्पताल में भर्ती थे। स्टील और इंजीनियरिंग क्षेत्र में उनकी कंपनी कैपारो ग्रुप का संचालन 40 से अधिक देशों में फैला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उद्योग, परोपकार और भारत-यूके संबंधों में उनके योगदान को अविस्मरणीय बताया।

Caparo Group के संस्थापक

लॉर्ड स्वराज पॉल ब्रिटेन में बसे भारतीय मूल के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक थे। उन्होंने स्टील और इंजीनियरिंग क्षेत्र में कैपारो ग्रुप की स्थापना की थी। यह कंपनी आज एक बहुराष्ट्रीय पहचान रखती है, जिसके संचालन यूके, नॉर्थ अमेरिका, भारत और मिडिल ईस्ट के 40 से ज्यादा स्थानों पर फैले हुए हैं। उनके बेटे आकाश पॉल कैपारो इंडिया के चेयरमैन और कैपारो ग्रुप के डायरेक्टर हैं।

संडे टाइम्स रिच लिस्ट में पॉल का नाम अक्सर शामिल होता रहा है। इस साल वह 81वें स्थान पर थे। उनकी अनुमानित संपत्ति करीब 2 अरब पाउंड यानी लगभग 21 हजार करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह संपत्ति मुख्य रूप से कैपारो ग्रुप के वैश्विक कारोबार से जुड़ी थी।

जालंधर से लंदन तक का सफर

स्वराज पॉल का जन्म पंजाब के जालंधर में हुआ था। 1960 के दशक में वह अपनी बेटी अंबिका के इलाज के लिए ब्रिटेन चले गए थे। हालांकि, महज चार साल की उम्र में कैंसर से उनकी बेटी का निधन हो गया। बेटी की याद में उन्होंने अंबिका पॉल फाउंडेशन की स्थापना की। इस फाउंडेशन ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व स्तर पर कई महत्वपूर्ण कार्य किए और समाज में बड़ा योगदान दिया।

पॉल ने ब्रिटेन में रहते हुए व्यापार और उद्योग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उनकी गिनती न केवल एक सफल उद्योगपति के रूप में होती थी, बल्कि उन्हें परोपकार और सामाजिक सेवा के लिए भी जाना जाता था।

सार्वजनिक जीवन में योगदान

लॉर्ड पॉल को ब्रिटेन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स का सदस्य बनाया गया था। उन्होंने जीवन के अंतिम दिनों तक सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका निभाई। हाल के महीनों में स्वास्थ्य कमजोर होने के बावजूद वह नियमित रूप से हाउस ऑफ लॉर्ड्स में उपस्थिति दर्ज कराते थे। यह उनकी कार्यशैली और समर्पण का उदाहरण माना जाता है।

उनके सहयोगी और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वराज पॉल का जाना भारतीय प्रवासी समाज और ब्रिटेन दोनों के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वराज पॉल के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि स्वराज पॉल उद्योग, परोपकार और ब्रिटेन में सार्वजनिक सेवा में अपने योगदान के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। मोदी ने यह भी कहा कि वह भारत के साथ गहरे संबंधों के अटूट समर्थक थे। प्रधानमंत्री ने लिखा कि उनके साथ कई संवादों की यादें हमेशा ताजा रहेंगी।

स्वराज पॉल को भारत सरकार और यहां के लोगों के बीच भी विशेष सम्मान प्राप्त था। उन्हें एक ऐसे प्रवासी भारतीय के रूप में देखा जाता था, जिसने विदेश में रहते हुए भी अपनी जड़ों को कभी नहीं भुलाया।

भारत से गहरा जुड़ाव

स्वराज पॉल भले ही ब्रिटेन में बस गए थे, लेकिन उनका भारत से गहरा नाता हमेशा बना रहा। उन्होंने कई बार भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिए योगदान दिया। उनके द्वारा स्थापित फाउंडेशन ने भारत में भी शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े प्रोजेक्ट्स को समर्थन दिया।

भारत के साथ उनके संबंध इतने मजबूत थे कि उन्हें अक्सर भारत-यूके रिश्तों की सेतु के रूप में देखा जाता था। वह भारतीय प्रवासी समुदाय के ऐसे नेता थे, जिन पर दोनों देशों को गर्व था।

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