सांसद हनुमान बेनीवाल संसद में पेपर लीक, एसआई भर्ती घोटाले, RPSC पुनर्गठन जैसे मुद्दे उठाएंगे। छोटे दलों को ज्यादा अधिकार और आपदा प्रबंधन पर भी चर्चा की मांग की गई।
Hanuman Beniwal: संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है और जैसे ही सत्र की शुरुआत हुई, राजस्थान से लोकसभा सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने अपने तेवर दिखा दिए। उन्होंने साफ कर दिया है कि इस बार संसद में राजस्थान के युवाओं और किसानों के मुद्दों की गूंज सुनाई देगी। पेपर लीक, एसआई भर्ती 2021 में भ्रष्टाचार, राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पुनर्गठन और छोटे दलों की भूमिका जैसे कई मसलों पर बेनीवाल सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में हैं।
पेपर लीक मामला संसद में गूंजेगा
हनुमान बेनीवाल ने सर्वदलीय बैठक में सरकार से स्पष्ट रूप से मांग की कि पेपर लीक जैसे गंभीर मुद्दे पर संसद में विशेष चर्चा कराई जाए। उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल राजस्थान की नहीं है बल्कि अब यह राष्ट्रीय संकट बन चुकी है। लाखों युवा मेहनत करके परीक्षाएं देते हैं, लेकिन पेपर माफियाओं के चलते उनके सपनों को धक्का लगता है। बेनीवाल ने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि उन्होंने 2023 के राजस्थान चुनावों से पहले वादा किया था कि सत्ता में आने पर पेपर लीक की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पूछा, 'अब जब केंद्र में और राजस्थान में भी भाजपा की सरकार है, तो उन वादों को पूरा करने में देरी क्यों हो रही है?'
एसआई भर्ती 2021: घोटाले पर फिर होगी बहस
बेनीवाल ने राजस्थान पुलिस की 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती को रद्द करने की मांग भी जोरदार तरीके से रखी। उन्होंने दावा किया कि इस भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं हुई थीं और आज तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने इसे युवाओं के साथ अन्याय बताया और कहा कि यह पूरा मामला सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच के योग्य है।
RPSC के पुनर्गठन की मांग
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बेनीवाल ने संसद में इसके पुनर्गठन की मांग की है। उन्होंने कहा कि RPSC जैसी संस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है क्योंकि इनकी निष्पक्षता पर सवाल उठना भविष्य की पीढ़ियों के लिए खतरे की घंटी है।
छोटे दलों की भूमिका बढ़ाने की मांग
सिर्फ मुद्दों तक सीमित न रहते हुए बेनीवाल ने संसद में छोटे दलों की भूमिका बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक या दो सांसदों वाली पार्टियों को भी हर विधेयक पर बोलने का अवसर मिलना चाहिए और बीएसी जैसी महत्त्वपूर्ण समितियों में भी उन्हें प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
सांसद निधि और कोटा को लेकर भी बोले
हनुमान बेनीवाल ने सांसद निधि (MP-LAD) को मौजूदा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये करने की मांग की, ताकि सांसद अपने क्षेत्र में विकास कार्यों को प्रभावी रूप से कर सकें। साथ ही उन्होंने केंद्रीय विद्यालयों में सांसद कोटा को फिर से बहाल करने की पुरजोर मांग की।
बाढ़ और आपदा प्रबंधन पर चिंता
बेनीवाल ने मानसून के दौरान हर साल होने वाली भारी वर्षा और बाढ़ से होने वाले नुकसान पर सरकार से व्यापक नीति की मांग की। उन्होंने सुझाव दिया कि बाढ़ के पानी को बांध बनाकर वहीं के क्षेत्र में उपयोग करने की रणनीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीकों का समावेश होना चाहिए और किसी भी आपदा में मरने वाले व्यक्ति या पशुधन के लिए मुआवजा राशि को पर्याप्त और त्वरित बनाया जाए।
एविएशन सेक्टर की सुरक्षा पर विशेष चर्चा की मांग
बेनीवाल ने हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे का हवाला देते हुए विमानन क्षेत्र की सुरक्षा और DGCA की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने संसद में एक दिन की विशेष चर्चा कराने की मांग की जिसमें एयरपोर्ट सुरक्षा, तकनीकी खामियों और एविएशन सेक्टर की सुधार योजनाओं पर चर्चा की जाए।
समय पर जवाबदेही की व्यवस्था जरूरी
सांसद ने यह भी सुझाव दिया कि संसद में पूछे गए शून्यकाल या नियम 377 के तहत उठाए गए सवालों का जवाब संबंधित मंत्रालय एक सप्ताह के भीतर संबंधित सांसद को प्रदान करे। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था सांसदों की प्रभावशीलता और जनता की समस्याओं को जल्दी हल करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी।