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संसद में शुरू हुआ पौष्टिक आहार मेन्यू, सांसदों को मिलेगा रागी-बाजरा इडली, ज्वार उपमा और सत्तू

संसद में शुरू हुआ पौष्टिक आहार मेन्यू, सांसदों को मिलेगा रागी-बाजरा इडली, ज्वार उपमा और सत्तू

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद में कामकाज की उत्पादकता बढ़ाने के बाद अब सांसदों, अधिकारियों और आगंतुकों की सेहत का भी खास ध्यान रखने की पहल शुरू की है। 

नई दिल्ली: भारतीय संसद में अब सेहतमंद आहार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने संसद भवन परिसर में काम करने वाले सांसदों, अधिकारियों और आगंतुकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए संसद कैंटीन के मेन्यू में बड़ा बदलाव कराया है। अब संसद की कैंटीन में रागी-बाजरा इडली, ज्वार उपमा, मूंग दाल चीला, और सत्तू जैसे पौष्टिक व्यंजन उपलब्ध होंगे। यह पहल फिट इंडिया मूवमेंट और 'ईट राइट इंडिया' जैसी सरकारी मुहिमों के अनुरूप एक अहम कदम माना जा रहा है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सोच: स्वास्थ्य से समझौता नहीं

लोकसभा अध्यक्ष का साफ कहना है कि संसद में लंबे समय तक चलने वाले सत्रों और देर रात तक होने वाली कार्यवाही के दौरान सांसदों और कर्मचारियों की सेहत का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। उनका मानना है कि स्वस्थ शरीर और मन के साथ ही देशहित में बेहतर निर्णय लिए जा सकते हैं। इसी सोच के तहत संसद की कैंटीन का मेन्यू स्वास्थ्य की दृष्टि से दोबारा तैयार कराया गया है।

क्या-क्या मिलेगा संसद की नई कैंटीन में?

संसद की कैंटीन अब पोषक तत्वों से भरपूर और लो कैलोरी व्यंजन परोसने के लिए पूरी तरह तैयार है। मेन्यू में खासतौर पर उन खाद्य पदार्थों को शामिल किया गया है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 (International Year of Millets) में प्रमोट किया था।

मुख्य व्यंजन

  • रागी-बाजरा इडली (सांभर और चटनी के साथ) — सिर्फ 270 कैलोरी
  • ज्वार उपमा — 206 कैलोरी
  • मूंग दाल चीला — लो कैलोरी, हाई प्रोटीन विकल्प
  • मिक्स बाजरा खीर (बिना चीनी के) — 161 कैलोरी

सलाद और हल्का नाश्ता

  • जौ और ज्वार का हेल्दी सलाद — 294 कैलोरी
  • गार्डन फ्रेश सलाद — सिर्फ 113 कैलोरी
  • भुना टमाटर और तुलसी का हेल्दी शोरबा
  • वेजिटेबल क्लियर सूप, हॉट सूप्स

मांसाहारी विकल्प

  • ग्रिल्ड चिकन विद वेजिटेबल्स — 157 कैलोरी
  • ग्रिल्ड फिश विद वेजिटेबल्स — 378 कैलोरी

पेय पदार्थ

  • ग्रीन टी और हर्बल टी
  • मसाला सत्तू ड्रिंक
  • गुड़ वाला आम पन्ना

अब संसद में सोडा और शुगर लोडेड ड्रिंक्स की जगह सत्तू, हर्बल चाय और देसी हेल्दी विकल्प मिलेंगे।

सेहत के लिए क्यों जरूरी है ये बदलाव?

संसद भवन में अकसर कार्यवाही देर रात तक चलती है, ऐसे में जंक फूड या हैवी फूड सांसदों की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। लो कैलोरी, हाई प्रोटीन और फाइबर युक्त फूड्स के जरिए सांसदों को न केवल शारीरिक ऊर्जा मिलेगी बल्कि मानसिक फोकस और कार्यक्षमता भी बनी रहेगी। लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में संसद में नियमित हेल्थ चेकअप कैम्प, स्वास्थ्य पर सेमिनार, फिटनेस लेक्चर जैसी पहलें लगातार जारी हैं। 

इसके साथ ही केंद्र सरकार फिट इंडिया मूवमेंट, खेलो इंडिया, राष्ट्रीय पोषण अभियान, ईट राइट इंडिया, एनपी-एनसीडी (गैर-संचारी रोगों की रोकथाम व नियंत्रण कार्यक्रम) जैसे कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम चला रही है।

मोटे अनाज को क्यों मिल रही प्राथमिकता?

मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी को अब वैश्विक स्तर पर सुपर फूड (Superfood) माना जा रहा है। ये अनाज न केवल पाचन के लिए फायदेमंद हैं बल्कि मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के खतरे को भी कम करते हैं। फाइबर, आयरन और प्रोटीन से भरपूर ये अनाज शरीर को लंबी अवधि तक ऊर्जा प्रदान करते हैं।

संसद में स्वस्थ भोजन की यह पहल इस संदेश के साथ जुड़ी है कि यदि देश का संसदीय तंत्र स्वस्थ और ऊर्जावान रहेगा, तो फैसले भी दूरदर्शी और प्रभावी होंगे। सांसदों और अधिकारियों के लिए यह बदलाव केवल खानपान का नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने का भी प्रतीक है।

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