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TDP ने SIR प्रक्रिया पर दी सफाई, कहा- हमारी चिंता आंध्र से जुड़ी, NDA गठबंधन धर्म का कर रहे पालन

TDP ने SIR प्रक्रिया पर दी सफाई, कहा- हमारी चिंता आंध्र से जुड़ी, NDA गठबंधन धर्म का कर रहे पालन

टीडीपी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट नाम हटाने, बायोमेट्रिक सिस्टम लागू करने और प्रवासी मजदूरों को शामिल करने के लिए तकनीकी उपाय किए जाएं।

Bihar: देश की राजनीति में गठबंधन धर्म निभाना जितना आवश्यक है, उतना ही जरूरी है जनता की चिंता को प्राथमिकता देना। एनडीए गठबंधन की प्रमुख सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने इसी संतुलन का उदाहरण हाल ही में पेश किया है। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा की जा रही विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) को लेकर पहले टीडीपी ने कुछ आपत्तियां दर्ज कराईं, जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच गई। लेकिन बहुत जल्द ही पार्टी ने स्पष्ट किया कि उनकी चिंताएं बिहार नहीं, बल्कि आंध्र प्रदेश से जुड़ी हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वे एनडीए के गठबंधन धर्म का पूरी तरह पालन कर रहे हैं।

बिहार की SIR प्रक्रिया पर पहली प्रतिक्रिया

टीडीपी ने मंगलवार को चुनाव आयोग (ECI) को चार पन्नों का पत्र सौंपा था, जिसमें SIR प्रक्रिया की कुछ बातों पर सवाल उठाए गए थे। पार्टी ने कहा था कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए और इसे नागरिकता की पुष्टि जैसी प्रक्रियाओं से अलग रखा जाना चाहिए। पत्र में यह भी कहा गया कि SIR प्रक्रिया चुनाव से कम से कम छह महीने पहले पूरी हो जानी चाहिए ताकि मतदाता समय पर तैयार हो सकें। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया में लोगों को परेशान न होना पड़े।

फिर बदला रुख, स्पष्ट किया पक्ष

हालांकि इस पत्र के मीडिया में आते ही बिहार की राजनीति में खलबली मच गई। विपक्षी पार्टियों को लगा कि टीडीपी एनडीए के भीतर असहमति का संकेत दे रही है। लेकिन इससे पहले कि यह मुद्दा और तूल पकड़ता, TDP सांसद लावू श्री कृष्ण देवरायुलु सामने आए और स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि 'ECI से जो बातचीत हुई वह पूरी तरह आंध्र प्रदेश से जुड़ी हुई थी। हमारा बिहार की प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है। हमने जो सुझाव दिए, वे आंध्र में मतदाता सूची को बेहतर करने के मकसद से थे।'

गठबंधन धर्म की मिसाल

TDP की यह सफाई केवल शब्दों की औपचारिकता नहीं, बल्कि गठबंधन की राजनीति में संयम और संतुलन की मिसाल है। पार्टी ने कहा कि वह NDA का हिस्सा है और इस रिश्ते को पूरी तरह निभा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे जनहित की बात करने से पीछे नहीं हटेंगे। उनका मानना है कि वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए ताकि किसी भी नागरिक को बार-बार चक्कर न लगाने पड़ें।

टीडीपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने क्या कहा?

TDP की राष्ट्रीय प्रवक्ता ज्योत्सना तिरुनागरी ने कहा, 'हमने ECI से जो सुझाव रखे, वे सिर्फ आंध्र प्रदेश के लिए थे। हमारी चिंताएं थी कि मतदाता सूची में एक ही व्यक्ति का नाम कई बार आता है, डुप्लीकेट एंट्रीज को हटाना चाहिए और बायोमेट्रिक जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग होना चाहिए। प्रवासी मजदूरों को भी अपने वोट के अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।' उन्होंने आगे बताया कि TDP यह चाहती है कि मतदाता सूची अपडेट करने की प्रक्रिया में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

मानसून सत्र से पहले आया है यह कदम

TDP द्वारा इस मसले से किनारा करने का समय भी काफी महत्वपूर्ण है। संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है और ऐसे समय पर पार्टी नहीं चाहती कि NDA में कोई दरार दिखाई दे या विपक्ष को हमला करने का मौका मिले। इससे यह भी संकेत मिलता है कि टीडीपी वर्तमान में गठबंधन में कोई टकराव नहीं चाहती और अपने रुख में संतुलन बनाए रखना चाहती है।

तकनीकी सुधारों के लिए टीडीपी के सुझाव।

टीडीपी ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि वोटर लिस्ट से डुप्लीकेट नाम हटाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाए और वोटर आईडी में बायोमेट्रिक जानकारी शामिल की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी मजदूरों को आसानी से नाम जुड़वाने की सुविधा मिले और इस पूरी प्रक्रिया में राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भी भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

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