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सोने की कीमतों में उछाल, चांदी भी हुई महंगी, 18 अगस्त को बढ़े दाम

सोने की कीमतों में उछाल, चांदी भी हुई महंगी, 18 अगस्त को बढ़े दाम

18 अगस्त को सोने और चांदी की कीमतों में बढ़त दर्ज की गई। स्पॉट गोल्ड 0.3% चढ़कर 3,345.64 डॉलर प्रति औंस और COMEX गोल्ड 3,390.40 डॉलर पर पहुंचा। चांदी भी 0.26% बढ़कर 38.075 डॉलर पर रही। कीमतों पर वैश्विक आर्थिक आंकड़े, केंद्रीय बैंकों के संकेत और भू-राजनीतिक हालात का असर पड़ने की संभावना है।

Gold Price Today: शनिवार, 18 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली। दो हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद स्पॉट गोल्ड 0.3% बढ़कर 3,345.64 डॉलर प्रति औंस और COMEX गोल्ड 0.23% बढ़कर 3,390.40 डॉलर पर बंद हुआ। चांदी भी 38.075 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई। विश्लेषकों का मानना है कि इस हफ्ते सोने की चाल अमेरिकी आवास आंकड़ों, यूरोजोन-यूके CPI डेटा और आगामी फेडरल रिजर्व मीटिंग से तय होगी, जहां ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है।

सोने और चांदी की ताज़ा कीमतें

स्पॉट गोल्ड 0.3 फीसदी चढ़कर 3345.64 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया। यह 1 अगस्त के बाद का सबसे निचला स्तर था, जहां से सोने ने पलटकर बढ़त बनाई। वहीं, COMEX पर गोल्ड 0.23 फीसदी बढ़कर 3390.40 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। चांदी की कीमतों में भी हल्की तेजी आई और यह 0.26 फीसदी की मजबूती के साथ 38.075 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।

गिरावट से उभरा सोना

केसीएम ट्रेड के मुख्य बाजार विश्लेषक टिम वाटरर ने कहा कि दिन की शुरुआत में सोने पर दबाव था और कीमतें नीचे जा रही थीं। लेकिन जैसे ही खरीदार 3330 डॉलर के स्तर पर पहुंचे, मांग बढ़ी और सोना पलटकर चढ़ गया। इस खरीदारी ने बाजार की दिशा बदल दी और सोने में तेजी लौटी।

सोने की कीमतों पर इस समय भू-राजनीतिक घटनाओं का गहरा असर है। निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ होने वाली बैठक पर नजर लगाए हुए हैं। माना जा रहा है कि रूस के साथ संभावित शांति समझौते पर होने वाली चर्चा से बाजार में स्थिरता का संकेत मिल सकता है। इसके अलावा यूरोपीय नेताओं की बैठकों पर भी बाजार की पैनी निगाह है।

इस हफ्ते किन बातों पर रहेगी नजर

एनालिस्ट्स का मानना है कि इस हफ्ते सोने की चाल कई आर्थिक और राजनीतिक संकेतकों पर निर्भर करेगी। अमेरिकी आवास के आंकड़े, ब्रिटेन और यूरोजोन के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े और प्रमुख देशों के मैन्युफैक्चरिंग तथा सर्विस पीएमआई रिपोर्ट कीमतों पर असर डाल सकते हैं।

इसके अलावा, यूरोपीय सेंट्रल बैंक की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड का भाषण और अमेरिका में होने वाला जैक्सन होल सिम्पोजियम निवेशकों के लिए अहम रहेगा। इस सिम्पोजियम में फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान का सोने की कीमत पर सीधा असर पड़ सकता है।

सितंबर में पहली कटौती की उम्मीद

रॉयटर्स के एक सर्वे के मुताबिक, अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो यह इस साल की पहली कटौती होगी। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बढ़ते संकट को देखते हुए साल के अंत तक दूसरी कटौती की संभावना भी जताई जा रही है। ब्याज दरों में कटौती से डॉलर कमजोर होता है और निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। यही वजह है कि सोने की कीमतों में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

भारतीय निवेशकों पर असर

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली इस हलचल का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ेगा। दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों में सोने के भाव में हलचल देखी जा सकती है। घरेलू बाजार में निवेशक वैश्विक संकेतों के आधार पर ही खरीदारी करते हैं, इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़त का असर सीधे सोने और चांदी के दामों में दिख सकता है।

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