टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए लोकसभा भंग करने की मांग की। उन्होंने चुनाव आयोग को विपक्ष के सवालों से बचने और दोहरे रवैये का आरोप लगाया।
SIR Controversy: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद और वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग (EC) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर मतदाता सूची में गड़बड़ियां हैं, तो पूरी लोकसभा और केंद्र सरकार को तुरंत भंग कर देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग विपक्ष के सवालों से बच रहा है और देशभर में मतदाता सूची में गंभीर विसंगतियां मौजूद हैं।
दिल्ली में विपक्षी सांसदों के साथ पुलिस का व्यवहार
अभिषेक बनर्जी ने यह बयान मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले दिल्ली में विपक्षी सांसद लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन में कई महिला सांसद भी शामिल थीं। लेकिन दिल्ली पुलिस ने जिस तरह का व्यवहार किया, वह अस्वीकार्य है और यह चुनाव आयोग की डर और असुरक्षा की भावना को दर्शाता है। बनर्जी ने कहा कि अगर चुनाव आयोग के पास विपक्ष के सवालों के जवाब होते, तो वह पुलिस बल का सहारा लेकर विरोध को दबाने की कोशिश नहीं करता।
मतदाता सूची में गंभीर विसंगतियां
टीएमसी नेता ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने खुद यह स्वीकार किया है कि मतदाता सूची में त्रुटियां हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि गुजरात और पश्चिम बंगाल में एक ही मतदाता पहचान पत्र संख्या (Voter ID Number) वाले मतदाता पाए गए हैं। इसके अलावा, अलग-अलग मतदान केंद्रों पर एक ही नाम वाले मतदाता दर्ज हैं। यह स्थिति चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गहरा सवाल उठाती है।
लोकसभा भंग करने की मांग
अभिषेक बनर्जी ने तर्क दिया कि अगर मतदाता सूची में त्रुटियां हैं, तो इस सूची के आधार पर हुए सभी चुनाव भी संदिग्ध हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के 240 सांसद इसी सूची के आधार पर चुने गए थे। अगर यह सूची गलत है, तो पूरी लोकसभा की वैधता पर प्रश्नचिह्न लग जाता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करना है, तो पहला कदम लोकसभा को भंग करना होना चाहिए।
बंगाल और गुजरात के बीच दोहरा रवैया
अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर दोहरे मानक अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बंगाल की मतदाता सूची को गलत बताया जा रहा है, लेकिन गुजरात की सूची को सही माना जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर मतदाता सूची में सुधार होना है, तो यह पूरे देश में होना चाहिए, न कि केवल कुछ राज्यों में।
संसद में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन
इस विवाद के बीच, मानसून सत्र के 17वें दिन संसद परिसर में विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ के प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान कई सांसद सफेद टी-शर्ट पहनकर आए थे, जिन पर ‘124 नॉट आउट’ लिखा था। यह नारा मतदाता सूची में गड़बड़ी के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता को दिखाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
चुनाव आयोग पर जवाबदेही का सवाल
अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग मतदाता सूची में गड़बड़ियों पर सवालों का जवाब देने से बच रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग एक तरफ गड़बड़ी मान रहा है, दूसरी तरफ उसी सूची के आधार पर हुए चुनावी नतीजों को सही ठहरा रहा है। यह विरोधाभास लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करता है।
केंद्र सरकार पर सीधा निशाना
टीएमसी नेता ने केंद्र सरकार को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि मौजूदा सरकार भी उसी मतदाता सूची से चुनी गई है, जिसे अब गलत बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सूची गलत है, तो सरकार की वैधता भी संदेह के घेरे में आ जाती है।