अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के भारत-पाक संघर्षविराम दावे पर कांग्रेस नेता खड़गे और राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा। कहा- केंद्र में ट्रंप को झूठा कहने का साहस नहीं है।
New Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम में मध्यस्थता के दावे पर देश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है।
खड़गे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार में इतना भी साहस नहीं है कि वह साफ कह सके कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ट्रंप बार-बार कह रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम उनकी मध्यस्थता से हुआ, तो सरकार चुप क्यों है? खड़गे ने आरोप लगाया कि 'दाल में कुछ काला है', इसीलिए केंद्र सरकार ट्रंप के बयानों पर कोई कड़ा जवाब नहीं दे रही।
ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप का विवादित दावा
बात करें ऑपरेशन सिंदूर की तो यह भारत की ओर से 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया सैन्य एक्शन था। इस हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। इसके बाद भारत ने आक्रामक रुख अपनाते हुए आतंकियों के ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की थी।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में भूमिका निभाई और एक तरह से मध्यस्थता की। ट्रंप ने यह बयान 29 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया, जो उन्होंने एयर फ़ोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए किया था।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा सीधा निशाना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ट्रंप को झूठा कहने का साहस नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि अगर उन्होंने ऐसा किया तो पूरा सच सामने आ जाएगा।
राहुल ने मीडिया से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री यह नहीं कह पा रहे कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। हर कोई जानता है कि क्या हुआ है, लेकिन वे कुछ कह नहीं पा रहे। अगर उन्होंने कुछ कहा, तो ट्रंप सब कुछ उजागर कर देंगे।"
केंद्र की सफाई और फिर भी जारी भ्रम
केंद्र सरकार की ओर से पहले भी कई बार यह साफ किया जा चुका है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में अमेरिका या किसी अन्य देश की कोई भूमिका नहीं है। लेकिन ट्रंप बार-बार अपने बयान में यही कह रहे हैं कि उन्होंने संघर्ष विराम में योगदान दिया है। इससे पहले भी ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत की सहमति से मध्यस्थता की बात कही थी, जिसे भारत ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था।
ट्रंप की रणनीति पर कांग्रेस का सवाल
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि ट्रंप का यह बयान सिर्फ कूटनीतिक दबाव बनाने की एक रणनीति है, जिसका मकसद भारत पर व्यापार वार्ताओं के दौरान प्रभाव डालना है।
राहुल गांधी ने कहा, "ट्रंप इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव का उपयोग व्यापारिक दबाव बनाने के लिए कर रहे हैं। यह उनका पुराना तरीका है। लेकिन सवाल यह है कि भारत की सरकार इतनी चुप क्यों है?"
ट्रंप के बयान की टाइमिंग पर भी उठे सवाल
खड़गे ने कहा कि उन्होंने पहले ही अंदाजा लगा लिया था कि ट्रंप इस मुद्दे पर बार-बार बयान देंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "मैंने कल ही कहा था कि मेरे भाषण के खत्म होने तक यह संख्या 30 हो जाएगी। यानी ट्रंप तीसरी बार ऐसा कह चुके होंगे।"