मुरादाबाद में सपा कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने दो हफ्ते में कोठी खाली करने का आदेश दिया है। यह कार्यालय 1994 से संचालित था। विवाद अब कानूनी मोड़ लेने की संभावना।
UP Politics: मुरादाबाद जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यालय का आवंटन निरस्त कर दिया गया है। जिला प्रशासन ने साफ निर्देश दिया है कि पार्टी के जिलाध्यक्ष को दो सप्ताह के भीतर कोठी खाली करनी होगी। यह कार्यालय पिछले 31 साल से संचालित हो रहा था।
इससे पहले 30 जुलाई को प्रशासन ने जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें एक माह का समय दिया गया था। इसके बाद 28 अगस्त को जिलाध्यक्ष ने अपना पक्ष प्रशासन के समक्ष रखा। लेकिन अब शासनादेश और नियमों का हवाला देते हुए आवंटन निरस्त कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती
शासनादेश के अनुसार किसी भी आवासीय या व्यावसायिक भवन का आवंटन 15 वर्ष से अधिक समय तक नहीं किया जा सकता। जबकि सपा कार्यालय 1994 से लगातार चल रहा था। यही कारण है कि आवंटन रद्द करने का फैसला लिया गया।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पीलीभीत नगर पालिका के एक फैसले पर भी सख्त टिप्पणी की थी। वहां मात्र 115 रुपये मासिक किराये पर सपा कार्यालय को जमीन आवंटित की गई थी। कोर्ट ने इसे नियमों के विरुद्ध बताया। मुरादाबाद का मामला भी कमोबेश वैसा ही है।
सपा कार्यालय का इतिहास
कोठी नंबर-4, जहां यह कार्यालय चल रहा है, ग्राम छावनी की नजूल भूमि पर स्थित है। इसे 13 जुलाई 1994 को तत्कालीन मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को शासन के निर्देश पर केवल 250 रुपये मासिक किराये पर आवंटित किया गया था।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद कार्यालय का नामांतरण नहीं किया गया। पार्टी की ओर से कोई कानूनी या प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। यही कारण है कि प्रशासन ने इसे अवैध कब्जा मानते हुए आवंटन निरस्त कर दिया।
प्रशासन का कड़ा रुख
जिला प्रशासन ने साफ कर दिया है कि यह नजूल की जमीन उत्तर प्रदेश सरकार की संपत्ति है और इसका प्रबंधन नगर निगम मुरादाबाद करता है। यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर कोठी खाली नहीं की गई तो प्रशासन एक हजार रुपये प्रतिदिन की दर से हर्जाना वसूलेगा।
डीएम अनुज सिंह ने कहा कि नियमानुसार ही यह कार्रवाई की गई है। सपा जिलाध्यक्ष को दो सप्ताह का समय दिया गया है और समयसीमा के बाद प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
सपा जिलाध्यक्ष का पक्ष
सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव का कहना है कि उन्हें अब तक कोई आधिकारिक नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। इस संबंध में भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। यदि नोटिस मिलता है तो वे उचित कानूनी कदम उठाएंगे।
उन्होंने पहले ही 28 अगस्त को एडीएम वित्त एवं राजस्व ममता मालवीय को अपने दस्तावेज जमा किए थे। इसमें उन्होंने कार्यालय आवंटन से जुड़े कागजात और किराये की रसीदें प्रस्तुत कीं। उनका दावा है कि दिसंबर 2025 तक का किराया जमा है, इसलिए उनका कब्जा पूरी तरह कानूनी है।