महिलाओं पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। वृंदावन में आज संत समाज महापंचायत करेगा, जबकि महिला वकीलों ने कोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक याचिका दाखिल की है। संतों और सामाजिक संगठनों में गहरा आक्रोश है।
Uttar Pradesh: वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की महिलाओं पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। आज दोपहर वृंदावन में संत समाज एक महापंचायत करेगा, जिसमें उनके बहिष्कार तक पर निर्णय लिया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, महिला वकीलों ने मथुरा की एसीजेएम प्रथम कोर्ट में उनके खिलाफ आपराधिक याचिका दाखिल की है। संत समाज, हिंदू संगठन और महिला समूह इस बयान को धार्मिक मर्यादा और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
महापंचायत के जरिए होगा संत समाज का सख्त संदेश
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की महिलाओं पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर मामला तूल पकड़ चुका है। आज दोपहर एक बजे वृंदावन में संत समाज एक विशेष महापंचायत आयोजित करने जा रहा है। इसमें ब्रजवासी, साधु-संत और धार्मिक संस्थाएं शामिल होंगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस के मुख्य याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी बाबा ने अनिरुद्धाचार्य पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वे बार-बार धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महापंचायत में अनिरुद्धाचार्य को ब्रजभूमि से बहिष्कार तक का कड़ा संदेश दिया जा सकता है।
कोर्ट में कानूनी कार्रवाई की मांग तेज
अनिरुद्धाचार्य की टिप्पणी के विरोध में अब मामला अदालत तक पहुंच चुका है। महिला अधिवक्ताएं प्रियदर्शनी, पूजा शर्मा, भावना सेंगर और सौम्या शुक्ला ने मथुरा की एसीजेएम प्रथम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें बीएनएस की सुसंगत धाराओं के तहत उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है। वकीलों का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल महिलाओं की गरिमा का हनन है, बल्कि धार्मिक भावनाओं और सामाजिक समरसता पर भी चोट है।
हिंदू संगठनों और महिला समाज का उग्र विरोध
अनिरुद्धाचार्य के बयानों को लेकर संत समाज के साथ-साथ हिंदूवादी संगठन और महिला समूह भी आक्रोशित हैं। विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। साधु-संतों का कहना है कि अनिरुद्धाचार्य जैसे कथावाचक बार-बार विवाद खड़े कर ब्रज की धार्मिक परंपरा को आहत कर रहे हैं, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महिला संगठनों ने मांग की है कि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोहराई न जाएं।