विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत ने महिला हैवीवेट वर्ग में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। दिग्गज मुक्केबाज हवा सिंह की पौत्री नूपुर श्योराण ने उज्बेकिस्तान की ओल्टीनॉय सोतिमबोएवा को 4-1 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय हैवीवेट मुक्केबाज नूपुर श्योराण ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सेमीफाइनल में प्रवेश कर भारत के लिए पहला पदक सुनिश्चित कर दिया है। महिला 80 किलो ग्राम से अधिक वर्ग में नूपुर ने उजबेकिस्तान की ओल्टीनॉय सोतिमबोएवा को 4-1 के अंतर से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई।
26 वर्षीय नूपुर, जो दिग्गज मुक्केबाज हवा सिंह की पोती हैं, कुछ माह पहले विश्वकप में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इस टूर्नामेंट में उन्हें सीधे क्वार्टरफाइनल में प्रवेश मिला था।
नूपुर श्योराण की शानदार उपलब्धि
26 वर्षीय नूपुर श्योराण ने महिला 80 किलो ग्राम से अधिक वर्ग (प्लस 80 किग्रा) में शानदार प्रदर्शन किया। कुछ माह पूर्व विश्वकप में स्वर्ण पदक जीतने वाली नूपुर को इस टूर्नामेंट में सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश मिला। उन्होंने सेमीफाइनल में उज्बेकिस्तानी मुक्केबाज को हराकर अपनी तकनीक, गति और अनुभव का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
नूपुर अपने दादा हवा सिंह की तरह ही हैवीवेट वर्ग में खेलती हैं। उनके लिए यह वर्ग चुनौतीपूर्ण है क्योंकि ओलंपिक में यह भारवर्ग शामिल नहीं है, इसलिए प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले केवल 10 मुक्केबाज हैं।
तीसरे दौर में नूपुर का निर्णायक पंच
सेमीफाइनल में नूपुर ने सोतिमबोएवा के खिलाफ नजदीकी पंचों का भरपूर इस्तेमाल किया। पिछली विश्व चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में उन्हें 2-3 के अंतर से हार मिली थी, और उस हार की याद नूपुर के दिमाग में ताजा थी। इस बार उन्होंने पूरी मानसिक तैयारी के साथ मैच लड़ा। सोतिमबोएवा के लगातार पकड़ने के प्रयास नूपुर के पक्ष में गया और उज्बेकिस्तानी मुक्केबाज का एक अंक कट गया। नूपुर ने नजदीक से मजबूत पंच लगाते हुए 4-1 के अंतर से जीत दर्ज की। इस जीत के साथ नूपुर कम से कम कांस्य पदक सुनिश्चित कर चुकी हैं।
महिला वर्ग में नूपुर की सफलता के साथ ही पुरुष वर्ग में भी भारतीय मुक्केबाजों ने दमदार प्रदर्शन किया। मंगलवार रात जादुमणि सिंह (48 किग्रा) और अभिनाश जामवाल (65 किग्रा) ने आसान जीत के साथ पुरुष क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। हालांकि, जुगनू अहलावत (85 किग्रा) का अभियान पहले दौर में ही स्कॉटलैंड के रॉबर्ट मैकनल्टी के खिलाफ हार के साथ समाप्त हो गया।