मीना कुमारी से विद्या बालन तक: परिणीता की अमर प्रेम कथा

शरतचंद्र की क्लासिक प्रेम कहानी परिणीता ने 1953 में मीना कुमारी और 2005 में विद्या बालन के ज़रिए स्क्रीन पर छू लिया हर दिल। अब 8K में फिर लौट रही है ये विरासत।

1953 में आई थी पहली परिणीता

बिमल रॉय की डायरेक्शन और मीना कुमारी की अदाकारी ने परिणीता को बना दिया था उस दौर की कल्ट फिल्म।

गरीब ललिता और अमीर शेखर की प्रेम कहानी

जाति और अमीरी-गरीबी की दीवारों को पार करता है ललिता और शेखर का दिल छू लेने वाला रिश्ता।

2005 में विद्या बनीं नई ललिता

प्रदीप सरकार की फिल्म में विद्या बालन ने निभाया वही किरदार, जिसने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित कर दिया।

29 अगस्त को होगी री-रिलीज

विद्या की डेब्यू फिल्म अब 8K फॉर्मेट में फिर से सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी, PVR और INOX में खास स्क्रीनिंग।

मीना से विद्या तक तुलना

मीना की सौम्यता और विद्या की गरिमा—दोनों ने ललिता को अपने-अपने अंदाज़ में जिया और दिल जीत लिए।

शरतचंद्र की कहानी फिर ज़िंदा

1914 में लिखी गई परिणीता आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जब प्रेम और समाज आमने-सामने खड़े होते हैं।

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