नकली दवाइयों से बचने का आसान तरीका

बाज़ार में असली के साथ नकली दवाइयां भी धड़ल्ले से बिक रही हैं. जानें आसान टिप्स जिनसे आप पहचान सकते हैं असली और नकली दवा का फर्क.

नकली दवाओं का खतरा

नकली दवाएं बीमारी ठीक करने के बजाय और बिगाड़ सकती हैं, कई बार जानलेवा भी साबित होती हैं.

पैकेजिंग पर ध्यान दें

असली दवाओं की पैकिंग क्वालिटी वाली होती है, नकली में प्रिंट धुंधला या वर्तनी की गलतियां मिल सकती हैं.

MRP और बैच नंबर चेक करें

सही दवा पर MRP, बैच नंबर और एक्सपायरी साफ लिखी होती है. नकली में ये अक्सर गड़बड़ या एक जैसे रहते हैं.

बारकोड या QR कोड स्कैन करें

आजकल असली कंपनियां QR कोड देती हैं, स्कैन करके तुरंत पता चल जाता है दवा असली है या नकली.

रंग और असर पर गौर करें

असली दवा का रंग और शेप हमेशा एक जैसा होता है, नकली दवा का रंग फीका या बहुत चमकीला लग सकता है.

हमेशा बिल लेकर दवा खरीदें

दवा कितनी भी छोटी हो, बिल जरूर लें. बिना बिल वाली दवा पर शक करें और सतर्क रहें.

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