बाज़ार में असली के साथ नकली दवाइयां भी धड़ल्ले से बिक रही हैं. जानें आसान टिप्स जिनसे आप पहचान सकते हैं असली और नकली दवा का फर्क.
नकली दवाएं बीमारी ठीक करने के बजाय और बिगाड़ सकती हैं, कई बार जानलेवा भी साबित होती हैं.
असली दवाओं की पैकिंग क्वालिटी वाली होती है, नकली में प्रिंट धुंधला या वर्तनी की गलतियां मिल सकती हैं.
सही दवा पर MRP, बैच नंबर और एक्सपायरी साफ लिखी होती है. नकली में ये अक्सर गड़बड़ या एक जैसे रहते हैं.
आजकल असली कंपनियां QR कोड देती हैं, स्कैन करके तुरंत पता चल जाता है दवा असली है या नकली.
असली दवा का रंग और शेप हमेशा एक जैसा होता है, नकली दवा का रंग फीका या बहुत चमकीला लग सकता है.
दवा कितनी भी छोटी हो, बिल जरूर लें. बिना बिल वाली दवा पर शक करें और सतर्क रहें.