"इस साल दो बार आएगी निर्जला एकादशी! जानिए शुभ संयोग"

2025 में निर्जला एकादशी का व्रत एक नहीं, बल्कि दो दिन – 6 और 7 जून को रखा जाएगा। जानिए इस दुर्लभ संयोग का महत्व, पूजा विधि और व्रत की खास बातें जो बना सकती हैं इसे और भी पुण्यदायक।

"निर्जला एकादशी 2025: दो बार"

इस साल निर्जला एकादशी 6 और 7 जून को मनाई जाएगी – जो एक बेहद दुर्लभ और शुभ संयोग है।

"क्यों खास है ये व्रत?"

इस एक व्रत से 24 एकादशियों का पुण्य फल मिलता है, और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

"6 जून: गृहस्थों की एकादशी"

6 जून को हस्त नक्षत्र में गृहस्थ जन व्रत करेंगे। यह दिन घर में व्रत रखने वालों के लिए श्रेष्ठ है।

"7 जून: साधु-संतों की एकादशी"

7 जून को चित्रा नक्षत्र में वैष्णव संप्रदाय व्रत करेंगे। साधु-संत इस दिन उपवास करते हैं।

"निर्जला उपवास का महत्व"

इस दिन जल तक का त्याग किया जाता है, जो आत्मसंयम और शुद्धता का प्रतीक है।

"व्रत के दिन जपें यह मंत्र"

भगवान विष्णु की उपासना में इस श्लोक का जाप करें: “शान्ताकारम् भुजगशयनम्…”

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