गणेश चतुर्थी का स्वागत

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है भगवान गणेश का जन्मोत्सव – शुरुआत होती है भक्ति और उल्लास के साथ

क्यों मनाते हैं गणेश चतुर्थी?

शिव-पार्वती पुत्र गणेश को मिला ‘प्रथम पूज्य’ होने का वर – जानते हैं उनकी जन्म कथा

लोकमान्य तिलक और जनजागरण

तिलक जी ने घरों से निकालकर पंडालों में मनाई चतुर्थी, इसे बनाया सांस्कृतिक आंदोलन

घर की पूजा कैसे होती है?

कलश स्थापना, मोदक भोग, आरती, दूर्वा, फूलों से सजावट – हर रस्म में है गहराई

पंडालों की भव्यता

समाज की एकता और सहयोग का प्रतीक – विशाल मूर्तियाँ, भजन, नाटक और सामूहिक भक्ति।

मोदक – बाप्पा का फेवरेट

नारियल-गुड़ से भरे मोदक बाप्पा को बहुत प्रिय हैं – कहते हैं, मनोकामना पूर्ण होती है।

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