श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: ईश्वर के अवतरण की दिव्य कथा

भाद्रपद की अष्टमी रात, जब कंस का आतंक चरम पर था, तब जन्मे श्रीकृष्ण — अधर्म का अंत करने के लिए।

बाल लीलाएँ माखनचोर का मासूम जादू

माखन चुराना, गोपियों से नटखट शरारतें — कृष्ण की बाल लीलाएँ हर दिल को मोह लेती हैं।

राधा-कृष्ण: प्रेम का शुद्धतम स्वरूप

राधा और कृष्ण का प्रेम लौकिक नहीं, आत्मिक था — जिसमें समर्पण ही सब कुछ था।

गीता का उपदेश कर्म ही धर्म है

कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिए गए गीता के उपदेश आज भी जीवन का मार्गदर्शन करते हैं।

कैसे मनाते हैं जन्माष्टमी?

झूला सजाना, माखन-मिश्री का भोग, रात्रि जागरण और मटकी फोड़ — उत्सव में उमड़ती है भक्ति।

जन्माष्टमी अब ग्लोबल उत्सव बन चुकी है

अमेरिका से अफ्रीका तक, ISKCON जैसे संगठनों ने श्रीकृष्ण की भक्ति को विश्वभर में फैलाया है।

कृष्ण की नीति: जीवन जीने की सर्वोत्तम कला

कृष्ण का जीवन — प्रेम, युद्ध, धर्म और नीति का संतुलन सिखाता है।

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