ओणम महाबली राजा के स्वागत का प्रतीक है, जिनका युग था सत्य, समता और समृद्धि का।
भगवान विष्णु ने वामन रूप में आकर राजा महाबली से तीन पग भूमि माँगी — और रचा इतिहास।
ओणम फसल कटाई का जश्न है — प्रकृति के प्रति आभार और समर्पण का पर्व।
केले के पत्ते पर परोसी जाती है 26 से भी अधिक व्यंजनों की पारंपरिक भव्य थाली।
ओणम की शान – हजारों लोगों की टोली चप्पुओं से चलाती है विशाल नावें
कथकली की आँखों से कथा, थिरुवाथिरा की लय में नारी शक्ति का सौंदर्य।