मिष्टी दोई की मीठी कहानी: बंगाल नहीं, बुल्गारिया से है नाता

आपकी फेवरेट बंगाली मिठाई मिष्टी दोई का असली कनेक्शन बंगाल नहीं, बुल्गारिया से जुड़ा है! जानिए कैसे एक विदेशी स्वाद बना भारत में शुभता का प्रतीक

बुल्गारिया से आई मिष्टी दोई

150 साल पहले शुरू हुई ये मिठाई असल में बुल्गारिया की देन है, जहां लोग दही को अलग-अलग तरीकों से खाते हैं।

मुलाक़ात करिए LactoBacillus से

मिष्टी दोई बनाने के लिए जरूरी है एक खास यीस्ट – Lactobacillus Bulgaricus जो बुल्गारिया से आया।

शेरपुर के बोस परिवार ने रचा इतिहास

बंगाल के शेरपुर गांव में बोस परिवार ने 150 साल पहले पहली बार मिष्टी दोई बनाई थी।

मीठा और फर्मेंटेड – दिल को भाए

मिष्टी दोई होती है मीठी, ठंडी और फर्मेंटेड। इसका स्वाद है देसी, लेकिन रेसिपी है ग्लोबल

हर शुभ काम में – मिष्टी दोई जरूरी

बंगाल में शादी, पूजा या त्योहार – हर मौके पर मिष्टी दोई होती है ज़रूरी। इसे शुभता का प्रतीक माना जाता है।

विदेशी जड़ें, देसी पहचान

मिष्टी दोई का दिल है बंगाल में, लेकिन DNA बुल्गारिया से आया है – यही है इसकी खास बात

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