5500 KM दूर तक तबाही! भारतीय वायुसेना का नया 'हाइपरसोनिक ब्रह्मास्त्र'

भारत की नई Hypersonic Glide Vehicle मिसाइल 21 गुना ध्वनि से तेज उड़ती है, 5500 किमी तक मार करती है और दुश्मन के एडवांस डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है।

भारत का अगला सुपरहथियार!

हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) DRDO एक ऐसी मिसाइल टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है जो दुश्मन को 5500 किमी दूर से भी तबाह कर सकती है। इसकी रफ्तार आवाज से 21 गुना तेज है।

25,900 KM/घंटा की रफ्तार!

आवाज़ से 21 गुना तेज़ HGV की स्पीड लगभग 25,900 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है, जिससे यह रडार और डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है।

एडवांस्ड टेक्नोलॉजी का कमाल

हाई हीट रेजिस्टेंस और सटीक निशाना यह सिस्टम हल्के कंपोजिट मैटेरियल और थर्मल प्रोटेक्शन से लैस है ताकि तेज स्पीड के दौरान पैदा होने वाली गर्मी को झेल सके।

पारंपरिक और न्यूक्लियर दोनों हथियार ले जाने में सक्षम

ड्यूल कैपेबिलिटी हथियार HGV पारंपरिक बमों के साथ-साथ परमाणु हथियार भी ले जा सकता है, जिससे यह भारत की स्ट्रैटजिक ताकत को कई गुना बढ़ाता है।

दुश्मन के सिस्टम को दे चकमा

THAAD और HQ-19 को भी फेल कर दे ग्लाइडिंग तकनीक और लो-एल्टीट्यूड फ्लाइट इसे अमेरिका और चीन जैसे देशों के एडवांस सिस्टम से भी बचाती है।

मल्टीप्लेटफॉर्म लॉन्च कैपेबिलिटी

जमीन, हवा और पनडुब्बी से तैनाती संभव HGV को जमीन से, एयर लॉन्च सिस्टम से और भविष्य में प्रोजेक्ट-75I या S5-क्लास पनडुब्बियों से भी लॉन्च किया जा सकेगा।

भारत की सुरक्षा का भविष्य

हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी से आत्मनिर्भर भारत HGV जैसे हथियार भारत की डिफेंस क्षमताओं को एक नई ऊंचाई देंगे। यह दुश्मन को हर हाल में जवाब देने के लिए भारत की तैयारी का प्रमाण है।

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