क्या शराब पीते ही ग़म वाकई छू-मंतर हो जाते हैं? इसके पीछे है हार्मोनल खेल! जानिए किन हार्मोन की वजह से बदलता है आपका मूड।
शराब सिर्फ नशा नहीं, बल्कि एक कैमिकल ट्रिगर है जो दिमाग में कई हार्मोन बदल देता है।
शराब पीते ही डोपामिन तेजी से रिलीज होता है, जिससे कुछ देर के लिए खुशी और तनाव से राहत मिलती है।
GABA नामक न्यूरोट्रांसमीटर को शराब एक्टिव करती है, जिससे बेचैनी कम और नींद ज्यादा आती है।
शराब एंडोर्फिन रिलीज करवाता है, जो दर्द, दुख या अकेलेपन को कुछ समय के लिए दबा देता है।
अस्थायी सुकून के चक्कर में फंसना खतरनाक है। लगातार ऐसा करने से डिप्रेशन, मेमोरी लॉस और लत लग सकती है।
ग़म दूर करने के लिए शराब नहीं, योग, थेरेपी और अपनों से बात करें, ये हैं स्थायी और सुरक्षित समाधान।