चांद पर भी आते हैं भूकंप! जानिए ‘मूनक्वेक्स’ की असली कहानी

क्या आपको पता है कि चांद पर भी भूकंप आते हैं? NASA की रिसर्च में यह चौंकाने वाला सच सामने आया है। आइए जानें कि मूनक्वेक्स क्यों आते हैं, कितना नुकसान करते हैं, और भविष्य में इंसानों के लिए कैसे बन सकते हैं खतरा।

मूनक्वेक्स क्या होते हैं?

चांद पर आने वाले भूकंप को 'मूनक्वेक्स' कहा जाता है। NASA ने अपोलो मिशन के दौरान पहली बार इसकी पुष्टि की थी।

धरती नहीं, ये हैं वजहें

मूनक्वेक्स की चार प्रमुख वजहें हैं— पृथ्वी की ग्रैविटी, सतह में दरारें, तापमान में बदलाव और उल्कापिंड की टक्कर।

थर्मल मूनक्वेक का असर

दिन-रात के तापमान में भारी फर्क से चांद की सतह सिकुड़ती और फैलती है, जिससे कंपन और दरारें होती हैं।

तबाही कितनी होती है?

मूनक्वेक्स की तीव्रता कम होती है, लेकिन प्रभाव लंबे समय तक रहता है। कंपन धीमा पर असरदार होता है।

स्पेस स्टेशन को भी खतरा

अगर भविष्य में चांद पर कॉलोनी बसाई गई, तो मूनक्वेक्स से इमारतों को गंभीर नुकसान हो सकता है।

कैसे होती है माप की पुष्टि

NASA ने सीस्मोमीटर (Seismometer) की मदद से मूनक्वेक्स को रिकॉर्ड किया था, जो आज भी शोध का बड़ा विषय है।

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