क्या आपको पता है कि चांद पर भी भूकंप आते हैं? NASA की रिसर्च में यह चौंकाने वाला सच सामने आया है। आइए जानें कि मूनक्वेक्स क्यों आते हैं, कितना नुकसान करते हैं, और भविष्य में इंसानों के लिए कैसे बन सकते हैं खतरा।
चांद पर आने वाले भूकंप को 'मूनक्वेक्स' कहा जाता है। NASA ने अपोलो मिशन के दौरान पहली बार इसकी पुष्टि की थी।
मूनक्वेक्स की चार प्रमुख वजहें हैं— पृथ्वी की ग्रैविटी, सतह में दरारें, तापमान में बदलाव और उल्कापिंड की टक्कर।
दिन-रात के तापमान में भारी फर्क से चांद की सतह सिकुड़ती और फैलती है, जिससे कंपन और दरारें होती हैं।
मूनक्वेक्स की तीव्रता कम होती है, लेकिन प्रभाव लंबे समय तक रहता है। कंपन धीमा पर असरदार होता है।
अगर भविष्य में चांद पर कॉलोनी बसाई गई, तो मूनक्वेक्स से इमारतों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
NASA ने सीस्मोमीटर (Seismometer) की मदद से मूनक्वेक्स को रिकॉर्ड किया था, जो आज भी शोध का बड़ा विषय है।