नींद में कमी, बढ़ता तनाव और सोशल कंपैरिजन... स्क्रीन टाइम टीनएजर्स की सेहत पर कैसे कर रहा है वार? जानें इसके खतरनाक इफेक्ट और बचाव के आसान तरीके।
टीनएजर्स दिन की शुरुआत और अंत स्क्रीन के साथ कर रहे हैं, जिससे डिजिटल लत गहराती जा रही है।
स्क्रीन की ब्लू लाइट और ओवर-स्टिमुलेशन से नींद की क्वालिटी बिगड़ रही है, जिससे बच्चे थकान और चिड़चिड़ेपन का शिकार हो रहे हैं।
सोशल मीडिया की परफेक्ट लाइफ देखकर टीनएजर्स खुद की तुलना करने लगते हैं, जिससे स्ट्रेस और एंग्जायटी बढ़ती है।
स्क्रीन ओवरयूज़ से आंखों की जलन, पीठ दर्द, माइग्रेन और मोटापा जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
डेली स्क्रीन टाइम लिमिट करें, हफ्ते में एक दिन डिजिटल डिटॉक्स लें और बच्चों को फिजिकल एक्टिविटीज में शामिल करें।
सोने से पहले स्क्रीन से दूरी, सोशल मीडिया पर खुली बातचीत और एक्टिव लाइफस्टाइल से बच्चों की मेंटल और फिजिकल हेल्थ को बचाया जा सकता है।