जब संसद में घंटों गूंजी आवाजें: संसद की सबसे लंबी बहसें

ऑपरेशन सिंदूर पर होने जा रही 16 घंटे की बहस ने फिर याद दिला दिए संसद की उन ऐतिहासिक बैठकों को, जब नेताओं की आवाजें घंटों तक गूंजती रहीं। जानिए किन-किन मुद्दों पर बने रिकॉर्ड।

ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे की बहस

मानसून सत्र में लोकसभा में 16 और राज्यसभा में 9 घंटे तक ऑपरेशन सिंदूर पर डिबेट होगी। विपक्ष ने इस पर व्यापक चर्चा की मांग की है।

1997: 20 घंटे 8 मिनट की ऐतिहासिक बहस

आज़ादी के 50 साल पर संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था। तब अटल बिहारी वाजपेयी ने 20 घंटे से ज्यादा लंबा संबोधन दिया था।

1993: रेल बजट पर 18 घंटे 24 मिनट तक बैठक

नरसिम्हा राव सरकार में रेल बजट पर लंबी चर्चा हुई थी। केसी लंका के बजट पर विपक्ष ने जमकर बहस की थी।

2002: गोधरा पर 17 घंटे 25 मिनट की चर्चा

गुजरात दंगों पर लोकसभा में लंबी बहस हुई थी। वाजपेयी ने कट्टरता पर बड़ा बयान दिया था, विपक्ष का प्रस्ताव गिरा था।

2025: वक्फ बिल पर 17 घंटे से ज्यादा बहस

अप्रैल 2025 में राज्यसभा में 17 घंटे 2 मिनट की मैराथन बहस हुई थी। लोकसभा में भी वक्फ बिल पर 12 घंटे से ज्यादा चर्चा चली थी।

1981: 16 घंटे 58 मिनट की बहस का रिकॉर्ड

इंदिरा गांधी सरकार के एसेंशियल सर्विस बिल पर करीब 17 घंटे तक सदन में बहस चली थी। यह उस दौर का सबसे लंबा सत्र था।

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