डायबिटीज मैनेजमेंट का नया तरीका: स्टैंडिंग डेस्क

अगर आप डायबिटीज को दवाओं के बिना कंट्रोल करना चाहते हैं, तो हर दिन 1-2 घंटे स्टैंडिंग डेस्क पर काम करना आपके लिए गेमचेंजर हो सकता है. जानिए एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं इस ट्रेंड के बारे में।

डायबिटीज कंट्रोल में मददगार स्टैंडिंग डेस्क

रिसर्च के मुताबिक हर दिन सिर्फ 1-2 घंटे स्टैंडिंग डेस्क का यूज डायबिटीज मैनेजमेंट में असरदार हो सकता है।

लगातार बैठना कैसे बढ़ाता है खतरा

घंटों बैठे रहने से ग्लूकोज प्रोसेसिंग घटती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है, जो टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है।

खड़े रहना क्यों है जरूरी

स्टैंडिंग डेस्क मांसपेशियों को एक्टिव रखता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी सुधरती है।

कितना समय खड़े रहें

रोज 60 से 90 मिनट खड़े रहना या हर आधे घंटे में मूवमेंट करना मेटाबॉलिक हेल्थ के लिए फायदेमंद है।

सिर्फ खड़े रहना नहीं, मूवमेंट भी जरूरी

स्ट्रेचिंग, टहलना और हल्की एक्टिविटी को भी दिनचर्या में शामिल करें ताकि फायदे और ज्यादा मिलें।

किन्हें बरतनी चाहिए सावधानी

जिन लोगों को प्री डायबिटीज, न्यूरोपैथी या हार्ट डिजीज है, उन्हें स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल धीरे-धीरे शुरू करना चाहिए।

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