मुगलों की दोस्ती या धोखा? जानिए अकबर से औरंगजेब तक की चालें

फ्रेंडशिप डे पर जानिए कैसे मुगलों ने भारत में दोस्त बनाए, फिर उन्हीं से किया विश्वासघात। दोस्ती की आड़ में चलीं वो सियासी चालें जिन्होंने बदला इतिहास।

अकबर ने शुरू की दोस्ती की राजनीति

अकबर ने राजपूत राजाओं से वैवाहिक संबंध बनाकर दोस्ती की, लेकिन जब बात झुकने की आई तो तलवारें चलीं।

हल्दीघाटी में टूटी दोस्ती की लकीर

महाराणा प्रताप ने अकबर की दोस्ती ठुकराई, जिसके बाद हल्दीघाटी का युद्ध हुआ और सच्चाई सामने आ गई।

जहांगीर की संधि, पर आज़ादी छीन ली

जहांगीर ने मेवाड़ के अमर सिंह से संधि की, पर ऐसी शर्तों के साथ जो उनकी स्वतंत्रता खत्म कर गई।

औरंगजेब का दोहरा चेहरा

शिवाजी को दोस्ती का न्योता देकर बुलाया गया, फिर आगरा किले में कैद कर लिया गया। बाद में शिवाजी ने चकमा देकर भाग निकाला।

दक्षिण में पहले दोस्ती, फिर हमला

बीजापुर और गोलकुंडा के सुल्तानों से पहले संधि हुई, फिर समय आने पर हमला कर राज्य हड़प लिए गए।

मुगलों की नीति ने बढ़ाई फूट

फूट डालो और राज करो की नीति ने भारत की एकता को तोड़ा और आने वाले विदेशी आक्रमणों का रास्ता खोल दिया।

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