ब्लूटूथ हेडफोन से कैंसर? सच जानिए साइंस की जुबानी

क्या आपके वायरलेस ईयरफोन सेहत के लिए खतरनाक हैं? कैंसर की आशंका पर अब तक का साइंटिफिक स्टैंड जानिए 6 स्लाइड्स में।

ब्लूटूथ और कैंसर: डर क्यों?

ब्लूटूथ डिवाइस RFR यानी रेडियोफ्रीक्वेंसी रेडिएशन छोड़ते हैं, जिससे मस्तिष्क को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जाती है।

2015 में उठी थी चिंता की लहर

EMR पर रिसर्च के बाद 200 से ज्यादा वैज्ञानिकों ने WHO और UN से नियमों की मांग की थी।

रेडिएशन की दो कैटेगरी

आयोनाइजिंग रेडिएशन (जैसे X-ray) नुकसानदायक हो सकती है, जबकि ब्लूटूथ जैसे नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन काफी कमजोर होते हैं।

Bluetooth रेडिएशन कितना कम?

Bluetooth डिवाइस सेलफोन के मुकाबले 10 से 400 गुना कम रेडिएशन छोड़ते हैं। कैंसर की कोई ठोस वजह नहीं बनते।

NCI और WHO क्या कहते हैं?

National Cancer Institute ने माना कि Bluetooth डिवाइस से DNA को कोई खतरा नहीं। WHO ने RFR को संभावित कैंसरजनक जरूर कहा है।

टेक-फ्रैंडली बनें, पर जागरूक भी

वैज्ञानिक सबूतों के अनुसार Bluetooth से डरने की जरूरत नहीं, लेकिन लंबे इस्तेमाल में सेफ्टी गाइडलाइंस को नजरअंदाज न करें।

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