गुरु नानक देव जी ने मुगलों की क्रूरता और समाज की पीड़ा को अपनी वाणी में उजागर किया। आइए जानते हैं बाबरवाणी में क्या लिखा।
16वीं सदी में बाबर ने भारत पर हमला किया और जनसंहार, लूटपाट व धार्मिक स्थलों का विध्वंस किया। गुरु नानक देव जी इस समय के साक्षी थे।
श्री गुरुग्रंथ साहिब में संकलित ये पंक्तियां बाबर के अत्याचारों का वर्णन करती हैं। इसमें चार प्रमुख शबद शामिल हैं।
गुरु नानक देव जी ने लिखा कि महिलाओं का अपमान हुआ और मंदिर-मस्जिदें भी सुरक्षित नहीं रहीं।
बाबर की सेनाओं ने गांवों को जलाया और निर्दोषों का रक्त बहाया। गुरु जी ने सत्ता-लोभी शासकों को चेताया।
गुरु नानक देव जी ने दिखाया कि धर्म का अर्थ कर्मकांड नहीं, बल्कि पीड़ितों के साथ खड़ा होना है।
गुरु नानक देव जी का अंतिम निवास स्थल, जहां हिंदू, मुस्लिम और सिख श्रद्धालु एक साथ श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।