वॉरेन बफेट की तरह लंबी अवधि तक SIP में निवेश करें। बाजार उतार-चढ़ाव से घबराएं नहीं, कंपाउंडिंग का फायदा उठाकर आप अपनी संपत्ति को बढ़ा सकते हैं।
Mutual Fund SIP: शेयर बाजार में जारी उतार-चढ़ाव और दुनियाभर में बढ़ती अनिश्चितता के बीच निवेशकों में घबराहट फैल रही है। कई निवेशक अपनी SIP (सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) रोकने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। निवेश के विशेषज्ञ और फंड हाउस वेंचुरा के मुताबिक, बाजार में उतार-चढ़ाव हमेशा रहता है और यह निवेश का एक सामान्य हिस्सा है।
बाजार में गिरावट पर घबराहट का परिणाम
वह कहते हैं कि बाजार में तेजी के बाद सुधार एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, और यही समय निवेशकों के लिए अवसर का हो सकता है। अधिकतर निवेशक बाजार में तेजी के दौरान अपना निवेश बढ़ा लेते हैं, जबकि गिरावट के समय वे घबराहट के चलते अपनी SIP को रोकने या बंद करने का निर्णय लेते हैं। हालांकि, इतिहास यह सिखाता है कि धैर्य रखने वाले निवेशक लंबे समय में अधिक मुनाफा कमाते हैं।
SIP स्टॉपेज रेश्यो पहली बार 100% पार हुआ
वर्तमान समय में SIP स्टॉपेज रेश्यो 100% से पार हो गया है, जो इस बात का संकेत है कि कई निवेशक अपनी SIP को रुकने या खत्म करने का विचार कर रहे हैं। वेंचुरा द्वारा किए गए शोध के अनुसार, 2024 के अंत तक नए SIP रजिस्ट्रेशन में 21% की गिरावट आई, जबकि SIP कैंसलेशन में भी 11% की तेज गिरावट देखी गई। इसके बावजूद, दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 तक नए SIP रजिस्ट्रेशन में 4% की बढ़ोतरी हुई, जबकि कैंसलेशन में 37% का इजाफा हुआ। यह इस बात को दर्शाता है कि निवेशकों में अब घबराहट और चिंताएं बढ़ रही हैं, और वे सही समय का इंतजार कर रहे हैं।
लॉन्ग टर्म निवेश से संपत्ति
कई निवेशक यह मानते हैं कि गिरावट के समय SIP को रोककर बेहतर समय का इंतजार करना चाहिए, ताकि वे अधिक रिटर्न पा सकें। लेकिन, उदाहरण से समझें, अगर एक निवेशक ने 25 साल तक 12% वार्षिक रिटर्न के साथ ₹1,000 का SIP किया, तो उसका निवेश ₹17 लाख तक बढ़ जाएगा, जबकि यदि दूसरे निवेशक ने 15% रिटर्न के साथ 15 साल तक निवेश किया, तो उसका निवेश ₹6.2 लाख तक पहुंचेगा। इस तुलना से यह स्पष्ट होता है कि ज्यादा रिटर्न मिलने के बावजूद, जो निवेशक लंबे समय तक निवेश करता है, उसे ज्यादा रिटर्न मिलता है।
Warren Buffett का निवेश सिद्धांत
इस सिद्धांत को और स्पष्ट रूप से समझाने के लिए Warren Buffett का उदाहरण लिया जा सकता है। उन्होंने 1960 में सिर्फ 30 साल की उम्र में $10 लाख से निवेश करना शुरू किया। 1986 में 56 वर्ष की उम्र तक उनकी संपत्ति $1 अरब तक पहुंच गई, और 2025 में यह बढ़कर $161 अरब हो गई। उनका यह निवेश दृष्टिकोण यह साबित करता है कि संपत्ति बनाने की असली ताकत उच्च रिटर्न नहीं, बल्कि समय में है।
SIP में लंबी अवधि निवेश से कंपाउंडिंग का फायदा
वेंचुरा की रिपोर्ट में यह दिखाया गया है कि SIP को रोकने के बजाय यदि निवेशक लगातार निवेश करते रहें, तो कंपाउंडिंग के लाभ को अधिकतम किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी निवेशक ने 1 मार्च 2000 को ₹1,000 का SIP शुरू किया होता, तो 2008 में वैश्विक मंदी या 2020 में कोविड-19 के दौरान SIP को रोकने से रिटर्न में काफी अंतर आता।
कंपाउंडिंग का प्रभाव: समय के साथ बढ़ती संपत्ति
रिपोर्ट के अनुसार, 2000 से 2025 तक लगातार SIP करने वाले निवेशक का निवेश बढ़कर ₹17 लाख हो जाता, जबकि अन्य निवेशक जो मध्य में SIP रोक देते हैं, उनके निवेश का मूल्य बहुत कम रहता। इसके अलावा, निवेश में कंपाउंडिंग के प्रभाव को भी देखा गया, जहां कम निवेश से भी निवेश का मूल्य कई गुना बढ़ सकता है।
समय के साथ निवेश से बनती है संपत्ति
वेंचुरा की रिपोर्ट में यह भी दिखाया गया कि निवेश में समय के साथ कंपाउंडिंग का फायदा होता है। अगर किसी ने 20 वर्षों तक PPF में ₹1,000 का SIP शुरू किया होता, तो उसका निवेश ₹5.2 लाख से बढ़कर ₹8 लाख तक पहुंच सकता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लंबे समय तक निवेश रखने से रिटर्न में भी बढ़ोतरी होती है।