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गुरुग्राम में जमीन खरीदना होगा महंगा? जानिए नए सर्किल रेट का असर

गुरुग्राम में जमीन खरीदना होगा महंगा? जानिए नए सर्किल रेट का असर

दिल्ली से सटे गुरुग्राम में घर या जमीन खरीदने की सोच रहे लोगों के लिए बड़ा झटका आने वाला है। ज़िला प्रशासन ने शहर में प्रॉपर्टी और जमीन की सरकारी कीमतों यानी सर्किल रेट में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। अगर ये प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो आने वाले समय में यहां प्रॉपर्टी की खरीदारी लोगों की जेब पर काफी भारी पड़ेगी।

रिहायशी इलाकों में सर्किल रेट में 77 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की सिफारिश

गुरुग्राम के कई प्रीमियम रिहायशी इलाकों जैसे डीएलएफ फेज I से V, सुशांत लोक, साउथ सिटी और गोल्फ कोर्स रोड पर 10 से 20 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ाने की सिफारिश की गई है। वहीं डीएलएफ की लग्जरी सोसायटीज जैसे अरालियास, मैगनोलियास और कैमीलियास में सर्किल रेट को 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।

फिलहाल इन सोसायटीज में सर्किल रेट 35750 रुपये प्रति वर्ग फुट है, जिसे बढ़ाकर 39325 रुपये प्रति वर्ग फुट करने की बात सामने आई है। इन सोसायटीज में बाज़ार में रेट पहले से ही 55000 रुपये प्रति वर्ग फुट से ऊपर चल रहे हैं, ऐसे में प्रशासन का मानना है कि सर्किल रेट को हकीकत के ज्यादा करीब लाने की जरूरत है।

द्वारका एक्सप्रेसवे के पास सेक्टरों में बड़ा उछाल

गुरुग्राम के सबसे तेजी से विकसित हो रहे इलाकों में शामिल द्वारका एक्सप्रेसवे और इसके आसपास के नए सेक्टरों में सर्किल रेट में 62 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। फिलहाल यहां सर्किल रेट 40000 रुपये प्रति वर्ग गज है जिसे बढ़ाकर 65000 रुपये करने की बात कही गई है।

गांवों में बसे प्लॉटों के लिए भी सर्किल रेट को 77 प्रतिशत तक बढ़ाने की तैयारी है। उदाहरण के तौर पर, गुरुग्राम गांव में सर्किल रेट को 25300 रुपये प्रति वर्ग गज से बढ़ाकर 45000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया है।

कृषि भूमि पर सबसे बड़ी बढ़ोतरी का प्रस्ताव

इस बार सबसे अधिक असर कृषि भूमि पर पड़ने वाला है। प्रशासन ने बजघेरा गांव में कृषि भूमि की सर्किल रेट को 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ से सीधे 5 करोड़ रुपये प्रति एकड़ करने की सिफारिश की है, जो कि 145 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। इसी तरह सिरहौल गांव में रेट को 2.39 करोड़ रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये करने की बात कही गई है, जो 108 प्रतिशत का उछाल होगा।

प्रशासन ने बढ़ोतरी की क्या वजह बताई

जिला प्रशासन का कहना है कि मौजूदा सर्किल रेट बाजार दरों से काफी पीछे हैं। इससे सरकार को स्टांप ड्यूटी से मिलने वाला राजस्व प्रभावित होता है। साथ ही, कई प्रॉपर्टी डील्स में कम कीमत दिखाकर टैक्स चोरी की जाती है। अधिकारियों का मानना है कि जब सरकारी रेट और असल बाज़ार रेट में बड़ा फर्क होता है, तो खरीदार और विक्रेता दोनों ही इसे अपने फायदें के लिए इस्तेमाल करते हैं, जिससे सरकार को भारी नुकसान होता है।

प्रशासन के मुताबिक सर्किल रेट बढ़ाने से रियल एस्टेट में पारदर्शिता बढ़ेगी, टैक्स की चोरी रुकेगी और सरकारी आय में इजाफा होगा। हालांकि इससे खरीदारों को ज्यादा स्टांप ड्यूटी चुकानी होगी और विक्रेताओं को भी कैपिटल गेन टैक्स के रूप में ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है।

बाजार रेट से अब भी कम होंगे सर्किल रेट

हालांकि जो प्रस्तावित दरें सामने आई हैं, वे अब भी बाजार दरों से कम हैं। प्रॉपर्टी बाजार के जानकारों का कहना है कि गुरुग्राम की कई हाई-एंड लोकेशनों पर बाजार दर सरकारी रेट से 30 से 60 प्रतिशत तक ज्यादा है। ऐसे में अगर प्रशासन सर्किल रेट में बढ़ोतरी करता है तो भी ये बाजार रेट के करीब नहीं पहुंचेंगे।

लेकिन फिर भी इससे प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर ज्यादा पैसा देना पड़ेगा और प्रॉपर्टी निवेश अब पहले के मुकाबले महंगा साबित हो सकता है। निवेशकों के लिए यह बदलाव अहम साबित हो सकता है।

सरकारी प्रस्ताव का अगला कदम क्या होगा

प्रशासन द्वारा सर्किल रेट में प्रस्तावित बढ़ोतरी की रिपोर्ट अब हरियाणा सरकार को भेजी जाएगी। वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। आमतौर पर सर्किल रेट की समीक्षा हर साल की जाती है, लेकिन गुरुग्राम जैसे तेजी से बढ़ते शहर में इन दरों को समय के साथ अपडेट करना बेहद जरूरी माना जा रहा है।

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