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ITR डेडलाइन मिस की? जानें 31 दिसंबर तक ITR फाइल करने के नए नियम

ITR डेडलाइन मिस की? जानें 31 दिसंबर तक ITR फाइल करने के नए नियम

आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तिथि सरकार ने 16 सितंबर 2025 तक बढ़ाई थी, लेकिन यदि आपने समय पर दाखिल नहीं किया है तो 31 दिसंबर 2025 तक लेट फीस के साथ रिटर्न भर सकते हैं। 5 लाख से अधिक आय वालों पर अधिकतम ₹5,000 और 5 लाख तक वालों पर ₹1,000 पेनाल्टी लगेगी।

ITR 2025: सरकार ने तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए आकलन वर्ष 2025-26 के लिए ITR फाइल करने की डेडलाइन एक दिन बढ़ाकर 16 सितंबर 2025 कर दी थी। यदि करदाता इस समयसीमा तक रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं, तो वे 31 दिसंबर 2025 तक लेट फीस के साथ इसे फाइल कर सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत 5 लाख रुपये से अधिक आय वालों पर ₹5,000 और 5 लाख तक आय वालों पर ₹1,000 तक की पेनाल्टी देनी होगी। लेट फाइलिंग से टैक्स रिफंड में देरी और स्क्रूटनी का खतरा भी बढ़ सकता है।

अब कब तक कर सकते हैं फाइल

आयकर विभाग के नियमों के अनुसार, अगर कोई टैक्सपेयर 16 सितंबर तक ITR दाखिल नहीं कर पाया है तो उसके पास 31 दिसंबर 2025 तक का समय है। इस अवधि में ITR फाइल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए जुर्माना देना होगा। यह विकल्प हर साल उन लोगों के लिए उपलब्ध रहता है जो किसी वजह से तय समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते।

लेट फाइलिंग का प्रावधान

इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 234F के तहत लेट फाइलिंग पर लेट फीस लगाई जाती है। अगर किसी व्यक्ति की सालाना आय पांच लाख रुपये से अधिक है तो उसे अधिकतम पांच हजार रुपये तक की पेनाल्टी भरनी होगी। वहीं, जिनकी आय पांच लाख रुपये तक है, उन्हें केवल एक हजार रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इसका मतलब है कि आय के स्तर के आधार पर लेट फीस अलग-अलग तय होती है।

क्यों बढ़ाई गई थी समय-सीमा

इस बार सरकार ने 15 सितंबर की मूल समय-सीमा को बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया था। इसके पीछे वजह थी कि कई टैक्सपेयर तकनीकी दिक्कतों का सामना कर रहे थे। पोर्टल पर अधिक लोड और कुछ तकनीकी गड़बड़ियों के कारण अंतिम दिन रिटर्न फाइल करने वालों को दिक्कत आई थी। ऐसे में सरकार ने राहत देते हुए एक दिन का अतिरिक्त समय दिया।

आयकर कानून के हिसाब से, आकलन वर्ष खत्म होने से तीन महीने पहले तक या फिर वित्तीय वर्ष के पूरा होने तक, जो पहले आए, ITR दाखिल किया जा सकता है। इसी नियम के तहत 2025-26 आकलन वर्ष के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तय की गई है। इसका मतलब है कि टैक्सपेयर अभी भी लेट फीस देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर सकते हैं।

पेनाल्टी के अलावा और असर

लेट से ITR फाइल करने का असर केवल जुर्माने तक सीमित नहीं है। ऐसा करने पर टैक्स रिफंड में भी देरी हो सकती है। अगर किसी का रिफंड बनता है तो उसे मिलने में अतिरिक्त समय लग सकता है। इसके अलावा, देर से दाखिल किए गए रिटर्न कई बार आयकर विभाग की स्क्रूटनी में आ जाते हैं। इससे अतिरिक्त जांच का सामना करना पड़ सकता है।

ITR फाइल करना क्यों जरूरी

ITR केवल टैक्स चुकाने का दस्तावेज नहीं है। यह किसी भी व्यक्ति की वित्तीय स्थिति का प्रमाण होता है। लोन लेने से लेकर वीजा अप्लाई करने तक, कई कामों में इसकी जरूरत पड़ती है। इसलिए समय पर फाइल करना हमेशा फायदेमंद माना जाता है। हालांकि जो लोग इस बार पीछे रह गए हैं, उनके पास अभी भी 31 दिसंबर 2025 तक का मौका है।

ITR की यह स्थिति साफ करती है कि टैक्सपेयर्स को समय पर तैयारी करनी चाहिए, ताकि उन्हें लेट फीस और अतिरिक्त जांच जैसी परेशानियों से न गुजरना पड़े। फिलहाल जिन लोगों ने 16 सितंबर तक फाइल नहीं किया है, वे लेट फीस के साथ अब भी अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

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