FMCG कंपनी Marico के कार्यालयों पर आयकर विभाग ने सर्वे एक्शन शुरू किया है। इस कार्रवाई की खबर के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट देखी गई। सर्वे आयकर अधिनियम की धारा 133A के तहत संभावित टैक्स चोरी या कमाई छिपाने की जांच के लिए किया जाता है। कंपनी ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
IT Raid: पैराशूट, सफोला और लिवॉन जैसे प्रोडक्ट्स बनाने वाली FMCG कंपनी Marico के कार्यालयों पर बुधवार को आयकर विभाग ने सर्वे एक्शन की प्रक्रिया शुरू की। यह कार्रवाई संभावित टैक्स चोरी या कमाई छिपाने की जांच के तहत की गई है। खबर के सामने आते ही कंपनी के शेयरों में 1.20% की गिरावट देखी गई। कंपनी ने इस घटना पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
Marico पर सर्वे एक्शन
पैराशूट, सफोला और लिवॉन जैसे प्रोडक्ट्स बनाने वाली Marico लिमिटेड को लेकर बुधवार को देशभर में आयकर विभाग ने सर्वे एक्शन की प्रक्रिया शुरू की। इस कार्रवाई के दौरान कंपनी के कार्यालयों पर अधिकारियों ने दस्तावेजों और रिकॉर्ड की जांच शुरू की। इस कदम ने कंपनी और निवेशकों में हलचल पैदा कर दी।
बाजार की प्रतिक्रिया भी तेज थी। बुधवार सुबह करीब 11:41 बजे तक Marico के शेयर 1.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 715.15 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहे थे। निवेशकों में यह चिंता का विषय बन गई कि कंपनी के वित्तीय मामलों की जांच क्यों शुरू की गई।
सर्वे का कारण
आयकर विभाग की यह कार्रवाई कोई छापा या रेड नहीं है, बल्कि एक “सर्वेक्षण” है। इसे आयकर अधिनियम की धारा 133A के तहत किया गया है। सर्वे का उद्देश्य आम तौर पर संभावित टैक्स चोरी, कमाई को छिपाने या वित्तीय रिकॉर्ड में किसी तरह की गड़बड़ी की जांच करना होता है।
सर्वे के दौरान अधिकारी कंपनी के खाते-बही, बिल, दस्तावेज और अन्य जरूरी रिकॉर्ड की जांच करते हैं। जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की कॉपी या जब्ती भी की जा सकती है। हालांकि, दस्तावेजों को जब्त करने की अवधि 10 वर्किंग डे से अधिक नहीं हो सकती, जब तक उच्च अधिकारियों से अनुमति न मिले।
कंपनी का बयान
अब तक Marico लिमिटेड ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ET की सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई कंपनी की आय और टैक्स से जुड़े मामलों की जांच के उद्देश्य से की गई है। हालांकि जैसे-जैसे और जानकारी सामने आएगी, तस्वीर और स्पष्ट होगी।
सर्वे और रेड में अंतर
यह समझना जरूरी है कि सर्वे और रेड में बड़ा अंतर होता है। सर्वे एक सीमित प्रक्रिया है, जिसमें केवल जानकारी इकट्ठा करना, दस्तावेजों की जांच और रिकॉर्ड की समीक्षा शामिल होती है। दूसरी ओर, रेड एक गंभीर प्रक्रिया होती है, जिसमें घर या दफ्तर की गहन तलाशी की जाती है और आवश्यकतानुसार दस्तावेजों की जब्ती की जा सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सर्वे एक सामान्य जांच प्रक्रिया है और इसका उद्देश्य केवल वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। हालांकि, बाजार में तुरंत असर देखने को मिलता है क्योंकि निवेशकों की धारणा और कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंता बढ़ जाती है।
बाजार और निवेशकों पर असर
Marico के शेयरों में गिरावट ने यह स्पष्ट कर दिया कि आयकर विभाग की कार्रवाई का असर शेयर बाजार पर तुरंत दिखाई देता है। निवेशक अक्सर किसी भी वित्तीय अनिश्चितता या जांच की खबर पर सतर्क हो जाते हैं। इससे कंपनी के शेयरों में अस्थिरता देखी जा सकती है।
विश्लेषकों के अनुसार, यदि जांच में कोई बड़ी अनियमितता नहीं मिलती है, तो शेयरों की कीमत सामान्य स्थिति में लौट सकती है। लेकिन इस प्रकार की खबरें निवेशकों के बीच सतर्कता बढ़ा देती हैं और वे अल्पकालिक निवेश में थोड़ा हिचकिचाते हैं।