देश की जानी-मानी ब्रोकिंग कंपनी Groww ने 6,000-7,000 करोड़ रुपये के IPO के लिए सेबी के पास DRHP फाइल किया है। इसमें 1,60 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे और 57.42 करोड़ रुपये के शेयर प्रमोटर्स OFS के जरिए बेचेंगे। कंपनी के पास जून 2025 तक 18 करोड़ यूजर्स थे और FY26 Q1 में 378 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज हुआ।
Groww IPO: ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) ने 16 सितंबर 2025 को सेबी के पास 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये के IPO के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया। इस इश्यू में 1,60 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे, जबकि प्रमोटर्स 57.42 करोड़ रुपये के शेयर OFS के जरिए बेचेंगे। 2016 में फ्लिपकार्ट के पूर्व कर्मचारियों हर्ष जैन, ललित केशरे, ईशान बंसल और नीरज सिंह द्वारा स्थापित Groww के पास जून 2025 तक 18 करोड़ ट्रांजैक्टिव यूजर्स थे। FY26 की पहली तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 378 करोड़ रुपये रहा, हालांकि राजस्व 10% घटकर 904 करोड़ रुपये पर आ गया।
कितने शेयर होंगे जारी
ग्रो के IPO में लगभग 1,60 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रमोटर्स 57.42 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए बेचेंगे। हालांकि, प्रमोटर्स अपनी हिस्सेदारी का केवल 0.07 प्रतिशत हिस्सा ही बेचेंगे। इससे साफ है कि कंपनी के संस्थापक अब भी कंपनी में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखेंगे।
ग्रो की शुरुआत और संस्थापक
ग्रो की स्थापना साल 2016 में हुई थी। कंपनी के संस्थापक हर्ष जैन, ललित केशरे, ईशान बंसल और नीरज सिंह हैं। खास बात यह है कि ये चारों पहले ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में काम कर चुके हैं। आज ग्रो देश के सबसे बड़े ऑनलाइन ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स में गिना जाता है। वर्तमान समय में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी कंपनी में करीब 27.97 प्रतिशत है।
कितने यूजर्स हैं ग्रो के पास
ग्रो ने भारतीय निवेशकों के बीच तेजी से अपनी पकड़ बनाई है। कंपनी के आंकड़ों के अनुसार, 30 जून 2025 तक इसके पास लगभग 18 करोड़ ट्रांजैक्टिव यूजर्स थे। यह संख्या बताती है कि ग्रो ने बहुत कम समय में निवेशकों का भरोसा हासिल किया है।
वित्तीय स्थिति कैसी है
ग्रो का वित्तीय प्रदर्शन निवेशकों के लिए दिलचस्प हो सकता है। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में कंपनी ने 378 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 11 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, इसी दौरान कंपनी का राजस्व घटकर 904 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा 1,000 करोड़ रुपये था। यानी कंपनी का मुनाफा बढ़ा लेकिन राजस्व में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आई।
किन-किन क्षेत्रों में है कारोबार
ग्रो का कारोबार सिर्फ ब्रोकरेज तक सीमित नहीं है। कंपनी मार्जिन फंडिंग और एनबीएफसी लेंडिंग सर्विसेज भी उपलब्ध कराती है। इसके अलावा, कंपनी का बड़ा राजस्व हिस्सा डेरिवेटिव्स सेगमेंट से आता है। यही वजह है कि कंपनी इस सेगमेंट से जुड़े जोखिमों के प्रति संवेदनशील है। अगर नियामकीय ढांचे में बदलाव होता है तो इसका सीधा असर ग्रो के बिजनेस पर पड़ सकता है।