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Gold Share: सोने की कीमत में उछाल, शेयर बाजार में शुरुआती बढ़त के बाद गिरावट

Gold Share: सोने की कीमत में उछाल, शेयर बाजार में शुरुआती बढ़त के बाद गिरावट
अंतिम अपडेट: 2 दिन पहले

वित्त वर्ष 2025 में शेयर बाजार उतार-चढ़ाव भरा रहा, सेंसेक्स-निफ्टी में हल्की बढ़त, सोना 37.7% चढ़ा। रुपये में 2.1% नरमी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार दबाव में रहा।

Gold Share: निवेशकों के लिए वित्त वर्ष 2024-25 इक्विटी उतार-चढ़ाव से भरा रहा। साल की पहली छमाही में शेयर बाजार ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन दूसरी छमाही में वैश्विक और घरेलू कारणों से अस्थिरता बढ़ गई। इस दौरान बेंचमार्क निफ्टी 5.3% और सेंसेक्स 7.5% बढ़ा, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कमजोर प्रदर्शन रहा। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 7.5% और स्मॉलकैप इंडेक्स 5.4% की बढ़त के साथ बंद हुए। हालांकि, दूसरी छमाही में विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार को दबाव में ला दिया।

सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल

इस वित्त वर्ष में सोना निवेशकों के लिए सबसे लाभदायक संपत्ति साबित हुआ। वैश्विक अनिश्चितताओं और सुरक्षित निवेश की तलाश में निवेशकों ने सोने की ओर रुख किया, जिससे इसकी कीमत 37.7% बढ़कर 3,070 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई। यह 2008 के बाद से सोने की सबसे बड़ी सालाना बढ़त रही। सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे मुख्य कारण भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता रहे।

रुपये में हल्की गिरावट, लेकिन अंत में संभला

वित्त वर्ष 2025 में रुपये ने 2.1% की गिरावट दर्ज की, जो पिछले वर्ष की 1.5% गिरावट से अधिक थी। हालांकि, वर्ष के शुरुआती महीनों में रुपये में कमजोरी देखी गई, लेकिन मार्च में विदेशी निवेश और शेयर बाजार की मजबूती से इसमें कुछ सुधार आया।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

तावित्त वर्ष 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने दूसरी छमाही में लगातार पांच महीने तक बिकवाली जारी रखी। कंपनियों की आय में सुस्ती और शेयरों के ऊंचे दामों के चलते निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया। सितंबर और दिसंबर तिमाही में कंपनियों के नतीजे कमजोर रहने के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। हालांकि, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 में कंपनियों के मुनाफे में सुधार और अमेरिकी व्यापार नीति में स्पष्टता आने से बाजार में स्थिरता लौट सकती है।

वित्त वर्ष 2026 की संभावनाएं

वित्त वर्ष 2026 की शुरुआत में बाजार अस्थिर रह सकता है, लेकिन साल की दूसरी छमाही में सुधार की उम्मीद है। कंपनियों की आय में बढ़ोतरी, घरेलू और विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि और वैश्विक बाजारों की स्थिरता से बाजार को नई दिशा मिल सकती है। निवेशकों के लिए यह वर्ष संतुलित रणनीति अपनाने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश करने का होगा।

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