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सेबी ब्लॉक डील के नियमों में संभावित बदलाव, जानिए क्या-क्या हो सकता है नया

सेबी ब्लॉक डील के नियमों में संभावित बदलाव, जानिए क्या-क्या हो सकता है नया
अंतिम अपडेट: 1 दिन पहले

सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने शेयर मार्केट में ब्लॉक डील से जुड़े नियमों की समीक्षा शुरू कर दी है। ब्लॉक डील मुख्य रूप से बड़े Institutional Investors जैसे म्यूचुअल फंड्स, इंश्योरेंस कंपनियां और अन्य बड़े निवेशक करते हैं। इन डील्स में दोनों पक्षों के बीच पहले से बातचीत के आधार पर बड़ी मात्रा में शेयरों का लेन-देन होता है। इस प्रक्रिया के लिए एक्सचेंज द्वारा एक विशेष टाइम विंडो तय की जाती है और कड़े नियम लागू होते हैं ताकि मार्केट में प्राइस मैनिपुलेशन न हो।

सेबी का वर्किंग ग्रुप और इसके प्रमुख मुद्दे

सेबी ने ब्लॉक डील के नियमों की समीक्षा के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया है। इस ग्रुप में म्यूचुअल फंड्स, ब्रोकर्स, इन्वेस्टमेंट बैंकर्स और मार्केट के अन्य पार्टिसिपेंट्स शामिल हैं। इस ग्रुप को पांच मुख्य मुद्दों पर विचार करने के लिए कहा गया है:

1. ब्लॉक डील की न्यूनतम साइज में बदलाव

अब तक ब्लॉक डील के लिए न्यूनतम साइज 10 करोड़ रुपये या 5 लाख शेयर निर्धारित है, जो 2017 में तय हुई थी। बाजार की मौजूदा गहराई और बढ़ते आकार को देखते हुए इस लिमिट को बढ़ाने पर विचार चल रहा है।

2. प्राइस बैंड में ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी

फिलहाल ब्लॉक डील के लिए प्राइस बैंड रेफरेंस प्राइस के ±1% तक है। सेबी इसे बढ़ाकर ±2% करने पर सोच रहा है, खासकर मिड और स्मॉल कैप शेयरों के लिए, ताकि अधिक शेयर उपलब्ध हो सकें और ट्रेडिंग में आसानी हो।

3. VWAP टाइम विंडो का विस्तार

रेफरेंस प्राइस की गणना दोपहर के सेशन के दौरान 15 मिनट (1:45 से 2:00 बजे) के VWAP पर आधारित होती है। ब्लॉक डील का प्राइस 2:00 से 2:05 बजे के VWAP से तय होता है। इस टाइम विंडो को 30 मिनट तक बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि प्राइस स्थिरता और वोलैटिलिटी कम हो।

4. सुबह और दोपहर के सेशन के लिए अलग-अलग प्राइस बैंड

अभी दोनों सेशंस के लिए समान प्राइस बैंड (±1%) लागू है, लेकिन मार्केट पार्टिसिपेंट्स चाहते हैं कि सुबह और दोपहर के लिए अलग-अलग प्राइस बैंड की सुविधा हो, जिससे ट्रेडिंग में और लचीलापन आए।

5. ब्लॉक डील विंडो की समीक्षा

ब्लॉक डील के लिए वर्तमान में दो टाइम विंडोज़ हैं: सुबह 8:45 से 9:00 बजे और दोपहर 2:05 से 2:20 बजे तक। सेबी इस समय अवधि की उपयुक्तता पर भी विचार कर रहा है। इसके अलावा, क्लोजिंग ऑक्शन सेशन (CAS) में 3:30 से 3:45 बजे के बीच तीसरी बड़ी डील विंडो जोड़ने का प्रस्ताव भी सामने आया है।

निवेशकों के लिए इसका क्या मतलब है?

सेबी द्वारा नियमों में ये बदलाव ब्लॉक डील्स को और अधिक पारदर्शी और लचीला बनाएंगे। बड़े निवेशकों के लिए ये नियम ट्रेडिंग को आसान और संतुलित बनाएंगे। खासकर मिड और स्मॉल कैप शेयरों में ट्रेडिंग के लिए ये बदलाव फायदेमंद हो सकते हैं।

यदि आप शेयर मार्केट में सक्रिय निवेशक हैं या ब्लॉक डील से जुड़े हैं, तो इन बदलावों पर नजर रखना महत्वपूर्ण होगा। इससे आप बेहतर निवेश निर्णय ले पाएंगे और संभावित बाजार जोखिमों को समझ सकेंगे।

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