भारतीय शेयर बाजार में पिछले सप्ताह आई गिरावट के बाद अब निवेशकों की नजर आज, सोमवार से शुरू होने वाले नए कारोबारी सप्ताह पर टिकी है। बीएसई सेंसेक्स में 609.51 अंकों की गिरावट और एनएसई निफ्टी में 166.65 अंकों की कमजोरी ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।
Stock Market: भारतीय शेयर बाजार बीते सप्ताह कमजोरी के साथ बंद हुए, जिससे निवेशकों में यह चिंता घर कर गई कि क्या आने वाले सप्ताह में यह गिरावट और गहराएगी या फिर कोई मजबूती देखने को मिलेगी। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांकों ने नकारात्मक रुझान दिखाया और निवेशकों की पूंजी में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों और विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले सप्ताह में बाजार की दिशा कुछ अहम कारकों पर निर्भर करेगी जिनमें भारत और अमेरिका की जीडीपी दर, आरबीआई का रिकॉर्ड लाभांश और मानसून की चाल प्रमुख हैं।
बीते सप्ताह का बाजार प्रदर्शन: गिरावट में रही चाल
पिछले सप्ताह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स करीब 609 अंक फिसलकर बंद हुआ, वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 166 अंकों से अधिक टूटा। वैश्विक अनिश्चितताओं, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में उछाल और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने बाजार पर दबाव बनाया। भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार को 2.69 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक लाभांश देने का ऐलान किया है, जो पिछले साल की तुलना में 27% अधिक है।
इस कदम से सरकार को राजकोषीय स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी, जिससे बाजार में सकारात्मक भावनाएं पनप सकती हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका के अनुसार, यह लाभांश बाजार के लिए एक अहम संकेत है और इससे सरकारी खर्चों में तेजी आ सकती है, जो आर्थिक गतिविधियों को गति देगा और शेयर बाजार को समर्थन मिलेगा।
वैश्विक रुख और जीडीपी आंकड़े होंगे निर्णायक
इस सप्ताह भारत और अमेरिका की GDP वृद्धि दर के आंकड़े जारी होंगे, जो बाजार की दिशा तय करने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्रा का कहना है कि “अगर जीडीपी आंकड़े सकारात्मक रहते हैं, तो बाजार में तेजी की वापसी संभव है। हालांकि, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता अब भी एक बड़ा जोखिम बनी हुई है।”
मानसून की चाल से तय होगा ग्रामीण बाजार का भविष्य
भारत के ग्रामीण बाजार पर मानसून का गहरा असर होता है और इससे उपभोक्ता मांग और कृषि गतिविधियों का सीधा संबंध होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की प्रगति और वितरण पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। समय पर और सामान्य मानसून रहने की स्थिति में बाजार में भरोसे का माहौल बन सकता है।
कंपनियों के नतीजे और डेरिवेटिव्स एक्सपायरी पर नजर
इस सप्ताह बजाज ऑटो, आईआरसीटीसी और अरविंदो फार्मा जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने हैं। इन परिणामों से संबंधित सेक्टर्स में हलचल देखने को मिल सकती है। साथ ही, मई महीने के डेरिवेटिव अनुबंधों की एक्सपायरी भी इस सप्ताह है, जिससे वायदा और विकल्प बाजार में उतार-चढ़ाव तेज हो सकता है।
हाल के हफ्तों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली से बाजार में अस्थिरता रही है। अमेरिका के बढ़ते कर्ज और राजकोषीय संकट की आशंका से वैश्विक जोखिम उठाने की प्रवृत्ति कम हुई है, जिससे उभरते बाजारों पर दबाव पड़ा है। लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग के अनुसार, जब तक वैश्विक रुख स्पष्ट नहीं होता और एफआईआई प्रवाह स्थिर नहीं होता, बाजार में सशक्त रिकवरी मुश्किल होगी।