सेंसेक्स में जोमैटो, एनटीपीसी, अदाणी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, रिलायंस, महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक में गिरावट रही। जोमैटो 10% गिरकर 215.40 रुपये पर बंद हुआ।
Share Market Crash Today: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ग्रहण के दिन मेक्सिको जैसे पड़ोसी देशों पर टैरिफ लगाने का एलान किया, जिससे ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई। इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा, जहां निवेशकों ने भारी बिकवाली की। बेंचमार्क सेंसेक्स 1,235 अंक टूटकर 7 महीने के निचले स्तर 75,838.36 पर पहुंच गया। दिन के दौरान सेंसेक्स ने 1,431.57 अंक की गिरावट के साथ 75,641.87 के निचले स्तर को छुआ। एनएसई निफ्टी भी 320.10 अंक यानी 1.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,024.65 पर बंद हुआ।
क्या है एक्सपर्ट की राय?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "ट्रंप के फैसले से वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ी है। घरेलू बाजारों में कमजोर रिकवरी और रुपये की गिरावट के कारण एफआईआई द्वारा निकासी की आशंका बनी हुई है। इसका असर शेयर बाजार पर दिख रहा है।"
सेंसेक्स में गिरावट वाले प्रमुख शेयर
सेंसेक्स के शेयरों में जोमैटो, एनटीपीसी, अदाणी पोर्ट्स, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, रिलायंस इंडस्ट्रीज, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा और एक्सिस बैंक में गिरावट रही। जोमैटो 10 प्रतिशत से अधिक गिरकर 215.40 रुपये पर बंद हुआ। वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने हरे निशान में कारोबार किया।
एशियाई बाजारों का मिलाजुला रुख
एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। टोक्यो और हांगकांग बढ़त पर बंद हुए, जबकि शंघाई और सियोल सपाट रहे। यूरोपीय बाजारों में भी बढ़त देखने को मिली, हालांकि सोमवार को अमेरिकी बाजार मार्टिन लूथर किंग जूनियर दिवस के कारण बंद थे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.76 प्रतिशत गिरकर 79.54 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
रुपये की स्थिति: अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार का असर
भारतीय रुपये पर भी बिकवाली का असर पड़ा। डॉलर सूचकांक में सुधार के चलते मंगलवार को रुपया 14 पैसे गिरकर 86.59 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा व्यापारियों के अनुसार, ट्रंप ने निकट भविष्य में कनाडा और मैक्सिको के खिलाफ टैरिफ की घोषणा की, लेकिन चीन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इससे डॉलर अपने 109 के स्तर से घटकर 108.66 पर आ गया।
विश्लेषकों के मुताबिक, वैश्विक और घरेलू घटनाओं के प्रभाव से रुपये में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। भारतीय शेयर बाजार की दिशा भी इस पर निर्भर करेगी।